दो मुर्दे मस्त सोते हुए टाइम पास कर रहे थे कि तभी...
'का गुरु ये क्या शोर है!' पहला मुर्दा बोला।
'नया स्टाफ होगा!' दूसरे मुर्दे ने दो टूक… Read More...
भारतीय फिल्मों ने भारतीय समाज को बहुत कुछ दिया है। हालांकि यही बात हर मुल्क की फिल्मों के बारे में कही जा सकती है। चूंकि मैं भारत का हूं तो… Read More...
स्वतंत्रता किसे अच्छी नहीं लगती है? इस सवाल को दूसरी तरह से भी देखें कि आखिर वे कौन लोग हैं, जो स्वतंत्रता का मतलब नहीं समझते? एक तीसरा सवाल… Read More...
जैसे नैतिक बातों का ईजाद सभ्यता के साथ हुआ,वैसे ही गालियाँ और अपशब्द कहने की शुरुआत भी सभ्यता के आने के साथ हुई होगी। इसका कोई लिखित इतिहास… Read More...
शब्द बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। यदि शब्द न हों तो कितनी समस्याएं हों। बचपन में यह ख्याल तब आता था जब पापा के साथ मैं गांव के राधे बड़का बाबू… Read More...
जहाँ पूरे देश में प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान जोर-शोर से चलाया वहीँ वास्तिवक सीवर मजदूरों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।सीवर… Read More...
यह केवल भारत का मसला नहीं है। पूरी दुनिया में दो ही तरह के लोग हैं। एक वे हैं जिनके पास जीने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं और दूसरे वे, जिनके… Read More...
बचपन की कहानियां बेकार कहानियां नहीं थीं। हालांकि अब जहन में कुछ ही कहानियां शेष हैं। अनेकानेक कहानियां अब जहन में नहीं हैं। वैसे यह भी एक… Read More...