Browsing Category

लोककलाएँ

संग्रह से प्रकाशन तक भिखारी ठाकुर का रचना संसार

लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की 86वी जयंती समारोह 25-26 दिसंबर 1976 को बैजनाथ सिंह उच्च विद्यालय कुल्हड़िय में धूमधाम से मनाई गई। जयंती समारोह की…
Read More...

नहीं रहे भिखारी ठाकुर रंगमंडल के किंवदंती कलाकार रामचन्द्र माँझी

रामचंद्र माँझी बिहार की नाच परंपरा, जिसे लौंडा नाच भी कहा जाता है, के जीवित किंवदंती लेकिन गुमनाम कलाकार रहे थे। कल उन्होंने इस संसार को…
Read More...

कबीर की तरह बेलाग थे भिखारी ठाकुर

लोककलाकार भिखारी ठाकुर की जयंती पर जजमनिका के नाउ नाव नव मास के त्रास, छोड़ावत नाई, नहरनी से काट महावर लावत। तादिन के सूधि याद करs,…
Read More...

सात समंदर पार ले जाइके, गठरी में बांध के आशा….

वर्तमान पीढ़ी का एक गंभीर संकट जड़हीनता है। ऐसा इसलिए कि अधिकांश 'राजपत्र' और 'कनेक्टिविटी' से घिरी हुई जीवन शैली का आनंद लेते हैं, जहां कोई…
Read More...

 बिरहा ही नहीं चेतना का व्याकरण बदल देनेवाला बिरहा का आदिविद्रोही

नसुड़ी यादव बिरहा गायन के इतिहास के सबसे अलग, विलक्षण और बोल्ड गायक थे। वे बिरहा के आदि विद्रोही थे और उन्होंने पूर्वांचल के समाज में व्याप्त…
Read More...

बिरहा के बेजोड़ कवि-गायक लक्ष्मी नारायण यादव

बिरहा लोकगायकी की एक विशिष्ट विधा है। भोजपुरी बोलने वाले इलाक़ों में इसकी लोकप्रियता ज़बरदस्त रही है। कुछ दशक पहले तक बिरहा गायन की धूम थी।…
Read More...

बाज़ार की मुनाफाखोर प्रवृत्ति ने एक लोककला को अश्लीलता के शिखर पर पहुंचा दिया

 इन्टरनेट पर बहुतायत मिलने वाला देहाती खोइया एक अश्लील नृत्य है जिसकी मुख्य विशेषता यह है कि नाचनेवाली स्त्री अपना चेहरा घूँघट में छिपाए…
Read More...

सदियों में पैदा होते हैं हीरालाल          

बहुत दिनों तक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझते हुए अंततः चच्चा चले गए। चच्चा माने भोजपुरी के महान बिरहिया हीरालाल यादव। मुझे उनके नजदीक…
Read More...

पंचौ! अगर आप सभे हमका विजयी घोषित कर देब्या तो बिरहा हार जाई

माटी की सोंधी महक में ही समाहित होती है लोक की आत्मा, जिसकी अनुभूति के लिए न किसी विद्वता की आवश्यकता होती है, न ही किसी ढोंग, पाखंड अथवा…
Read More...

लोक दुलरुआ : हैदरअली ‘जुगुनू’

भारत विभिन्न संस्कृतियों का देश है। इस विशाल देश में भिन्न-भिन्न जाति धर्म के लोग रहते हैं। भिन्न-भिन्न भाषाएं बोली जाती है। भिन्न-भिन्न…
Read More...