गलवान में झंडा-झंडा(डायरी 5 जनवरी, 2022) 

पत्रकारिता के अनुभवों में जो एक अनुभव शामिल नहीं है, वह ‘युद्ध पत्रकारिता’ है। मैंने आपदाओं की रिपोर्टिंग की है, सरकारों के बनने-बिगड़ने की रिपोर्टिंग की है और क्राइम और नाटक आदि के बारे में भी लिखा है। लेकिन वार रिपोर्टिंग का न तो मौका मिला है और ना ही पहले कभी चाव था। दरअसल, … Continue reading गलवान में झंडा-झंडा(डायरी 5 जनवरी, 2022)