Friday, March 29, 2024

मुख्तार अंसारी की बांदा मेडिकल कॉलेज में मौत, पूर्वाञ्चल के कई जिलों में धारा 144 लगाई गई

जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की आज रात बांदा मेडिकल कॉलेज में तबीयत बिगड़ने पर इलाज के दौरान मौत हो गई।

दिल्ली : 1 अप्रैल तक बढ़ी CM केजरीवाल की हिरासत, जनता जवाब देगी, बोले अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल की पेशी में शामिल होने के लिए पहुंची सुनीता केजरीवाल ने कहा, ‘उनकी तबीयत बहुत खराब है, उनको तंग किया जा रहा है, यह तानाशाही नहीं चलेगी, जनता इसका जवाब देगी।’

लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार की मनरेगा मजदूरी में आंशिक बढ़ोतरी पर विपक्षी नेताओं ने कसा तंज

जहां एक तरफ चुनाव से पहले मनरेगा मजदूरी में आंशिक बढोरती कर सरकार वाहवाही लूट रही है, वहीं इस बार वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार मनरेगा के मद में लगभग 34 फीसदी की कटौती कर चुकी है।

जलवायु परिवर्तन : कश्मीर के खानाबदोश समुदायों के लिए मुसीबत बनीं वज्रपात की घटनाएं

भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में बिजली की घटनाओं की संख्या 2019 में 65,666 से बढ़कर 2022 में 1,74,332 हो गई है। 3 वर्षों के भीतर ही 172% की वृद्धि दर्ज की गई है।

ग्राउंड रिपोर्ट

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एक मात्र मतदाता के लिए 39 किलोमीटर का सफर पैदल तय करेंगे चुनाव अधिकारी

चुनाव अधिकारियों का कहना है कि मालोगाम में बहुत कम परिवार हैं। तयांग किसी अन्य मतदान केंद्र पर स्थानांतरित किए जाने की इच्छुक नहीं है। उनको छोड़कर सभी अन्य मतदान केंद्रों पर पंजीकृत मतदाता हैं।

‘आप’ के प्रदर्शन के बाद पीएम आवास की सुरक्षा बढ़ाई गई, कार्यकर्ताओं को पुलिस ने किया गिरफ्तार

आप के कार्यकर्ता और नेता इंकलाब जिंदबाद और केजरीवाल जिंदाबाद के नारे लगाते हुए पटेल चौक मेट्रो स्टेशन पहुंचे थे। कई राज्यों से दिल्ली में प्रदर्शन करने आए इन कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

बांदा जेल में बंद मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

मऊ से पूर्व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में अचानक तबीयत बिगढ़ने से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, मुख्तार ने कोर्ट में पांच दिन पहले जहर देने का आरोप लगाया था।

हाईकोर्ट ने मदरसा अधिनियम को बताया असंवैधानिक, मान्यता का इंतजार करते रह गए मदरसा संचालक

यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा, ‘कोर्ट के फैसले से आश्चर्य हुआ है। बड़ा फैसला है, इसकी समीक्षा की जाएगी। 2004 में सरकार ने एक्ट बनाया था। आज 20 साल बाद एक्ट को असंवैधानिक बताया गया है।’

उत्तर प्रदेश : बैंक के दबाव एवं कर्ज के बोझ में डूबे सहारनपुर के किसान ने की आत्महत्या

गागलहेड़ी इलाके के गांव रसूलपुर पापड़ेकी में किसान विनोद कुमार ने बैंक के कर्ज में डूबे होने के कारण आत्महत्या कर ली। मृतक किसान के बेटे ने बैंक कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।

महाराष्ट्र : महाजनों के डर से आत्महत्या करते धरतीपुत्र और घर चलाती भूमि कन्याएँ

आत्महत्या करने वाले अधिकतर किसान ओबीसी जातियों के हैं। मगर उनकी आत्महत्या का मुद्दा जब कहीं भी उन जातिगत राजनीतिक संगठनों के एजेंडे में शामिल नहीं है, तब ये आत्महत्याग्रस्त किसान महिलाएँ तो उस आंदोलन में अदृश्य ही हैं। आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार की विदर्भ से ग्राउंड रिपोर्ट

महाराष्ट्र : कर्ज़ से छुटकारा पाने के लिए आत्महत्या करें या गुलामगीरी पर गुलेल चलाएँ?

महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र का नाम किसानों की आत्महत्या के मामले में अक्सर सुनाई देता रहा है। लेखिका डॉ लता प्रतिभा मधुकर ने विदर्भ के यवतमाल और वर्धा जिले के मृतक किसानों की पत्नियों से मिलकर उनके संघर्ष और जीजीविषा को नजदीक से देखा। ये आत्महत्या न कर ज़िंदगी से क्यो और कैसे लड़ती हैं? पढ़िये ग्राउंड रिपोर्ट का भाग एक-

झारखंड : क्यों बिरसा की धरती पर ‘बिरसाइत’ जी रहे मुश्किलों भरी जिंदगी?

उलगुलान के महानायक बिरसा मुंडा करोड़ों आदिवासियों के लिए गौरव और गुमान के प्रतीक हैं। साथ ही उनका बलिदान आदिवासियों के सपनों की बुनियाद के साथ सियासत की धुरी भी है। लेकिन बिरसा की धरती पर ही उनके अनुयायी ‘बिरसाइत’ परिवारों की जिंदगी मुश्किलों में गुजर रही। विकास का पहिया इनके गांवों में पहुंचने से पहले क्यों ठहर जाता है, पड़ताल करती एक रिपोर्ट..

सोनभद्र : कनहर बाँध में डूबती हुई उम्मीदों का आख्यान – एक

कनहर सिंचाई परियोजना के विस्थापितों की हृदय विदारक सचाइयों को देखकर लगता है जैसे ये लोग पचास साल लंबे किसी ऑपेरा के पात्र हैं जो करुणा, विषाद, हास्य, उम्मीद और हताशा के बीच जीने के अभिशाप को चित्रित कर रहे हैं और अभी आगे यह कितना लंबा खिंचेगा इसका कोई संकेत नहीं है।

राजधानी दिल्ली में दो साल से क्यों आंदोलनरत हैं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता महिलाएं पिछले दो सालों से दिल्ली की सड़कों पर संघर्षरत हैं। जिनकी मांगें आज तक नहीं सुनी गईं । लोकसभा के ठीक पहले इन्होंने जंतर-मंतर पहुँचकर आंदोलन किया। लेकिन पुलिस उन्हें डिटेन कर गाड़ी में भरकर ले गई।

एसबीआई यूनिक कोड के साथ 21 मार्च तक दे इलेक्टोरल बॉन्ड की स्पष्ट जानकारी : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने देश के प्रमुख बैंक एसबीआई को 21 मार्च को शाम पांच बजे से पहले हलफनामा दायर करने के लिए आदेश दिया है, जिसमें सभी जानकारियों के प्रकाशन का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले से जुड़ी अन्य गैर-सूचीबद्ध याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया है।

इलेक्टोरल बॉन्ड का भंडाफोड़ : पीएम केयर्स फंड का नंबर कब आएगा?

पीएम केयर्स फंड की स्थापना से लेकर संचालन तक पर सवाल हैं। सरकार ने इसका ऑडिट क्यों नहीं होने दिया? इसे आरटीआई के दायरे में क्यों नहीं लाया गया?

इलेक्टोराल बॉन्ड घोटाला : सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को बॉन्ड का नंबर जल्द जारी करने का दिया आदेश

इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज फिर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने एसबीआई को फटकार लगाई और इलेक्टोरल बॉन्ड के नंबर जारी करने का भी आदेश दिया।

प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष बने नवनीत कुमार सहगल

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी नवनीत कुमार सहगल को प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है। उनके पद का कार्यभार संभालने की तारीख से तीन साल की अवधि या उनके 70 वर्ष का होने तक प्रभावी होगी।

लोकसभा चुनाव: 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होंगे चुनाव, देश भर में आदर्श आचार संहिता लागू

लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का चुनाव आयोग ने ऐलान कर दिया है। चुनाव सात चरणों में 19 अप्रैल से एक जून के बीच आयोजित किया जाएगा और मतगणना 4 जून को होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को यह जानकारी दी।

बनारस : क्या मुस्लिम पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने पर जाने से रोका जाएगा?

ज्ञानवापी विवाद मामले पर वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने के ऊपर मुस्लिम श्रद्धालुओं को जाने से रोकने के अनुरोध वाली हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई के लिए 11 अप्रैल की तारीख तय की है।

आत्महत्या : मौसम की मार और कर्ज के बोझ ने फिर ली यूपी के एक किसान की जान

एनसीआरबी द्वारा ज़ारी ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में प्रतिदिन 30 किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं।

कोलकाता : पाँच मंजिला निर्माणाधीन इमारत के ढहने से 2 मजदूरों मौत और कई घायल

आए दिन काम करने वाली जगहों पर सुरक्षा के अभाव में मजदूरों के घायल होने और मरने की खबरें पढ़ने को मिलती है। आज दक्षिण कोलकाता के मेटियाब्रुज इलाके में पांच मंजिला निर्माणाधीन इमारत ढह जाने से दो लोगों की मौत हो गई।

उप्र : मऊ में रेलवे फाटक बंद होने से 10 गांव के नाराज ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी

मऊ के पिपरीडीह गांव के 500 से अधिक लोगों ने अंडरपास की मांग पूरी नहीं होने पर आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। क्या इस चेतावनी के बाद उनकी मांग पूरी हो पाएगी?

बलिया पुलिस पत्रकार की जान पर खतरा बता रही है जबकि वह समझ नहीं पा रहा है कि उसे किससे खतरा है

बलिया पुलिस और इंटेलीजेंस विभाग की सक्रियता से जिले के वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता अजीब पशोपेश में हैं कि क्या उनकी जान को सचमुच किसी से खतरा है। बलिया की जनता के हक की आवाज बने पत्रकार संतोष कुमार सिंह और उनके साथी सशंकित हैं। उनका कहना है कि मनोवैज्ञानिक रूप से दबाव बनाकर प्रशासन उनकी निगरानी कर रहा है।

विमर्श : सामाजिक न्याय के विरोधी आनंद शर्मा जैसे नेता कांग्रेस की समस्या बन चुके हैं

इंडिया गठबंधन एकजुट होकर चाहे तो बीजेपी को पस्त कर सकता है लेकिन वह असली मुद्दों से भटका हुआ नजर आ रहा है। बीजेपी की पोल खोलने के लिए उसके पास बहुत सारे मुद्दे पड़े हुए है। कांग्रेस नेतृत्व को आनंद शर्मा का आभारी होना चाहिए कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व को पत्र लिखकर संगठन पर हावी प्रभुवर्ग के नेताओं के मंसूबों से आगाह कर दिया। आनंद शर्मा के पत्र के बाद राहुल गांधी को इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि कांग्रेस में छाए आनंद शर्मा जाति जनगणना और पाँच न्याय से खौफ़जदा होकर, इसे फेल करने में जुट गए हैं।

 चुनावी बॉण्ड का जाति शास्त्र

भारत में भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए जाति की सही भागीदारी बहुत आवश्यक है। सवर्णों के हाथों में पाॅवर होने के कारण उनके अन्दर का भय खत्म हो गया है। ऐसे में शक्ति के स्रोतों में विविधता नीति लागू होने पर भ्रष्टाचार तो पूरी तरह खत्म नहीं होगा पर उसके प्रभाव क्षेत्र में 80-85 प्रतिशत की गिरावट आ जाएगी।

वर्तमान राजनीति को समझने के लिए जरूरी है कार्ल मार्क्स को याद करना

कार्ल मार्क्स अर्थशास्त्र का अध्ययन करने के लिए समय निकालने के लिए हमेशा आतुर रहते थे। उन्होंने अपने जीवन के कुल  पैंसठ साल के जीवन में से लगभग चालीस साल से भी ज्यादा समय समाजवाद के चिंतन और उसके अनुसार आदर्श समाज की स्थापना के लिए लगा दिया।

मध्य प्रदेश : लोकसभा चुनाव से पहले ही प्रदेश में कांग्रेस संगठन में मचा घमासान

लोकसभा चुनाव नजदीक है और कांग्रेस नेता लगातार पार्टी से इस्तीफा देते हुए भाजपा में शामिल हो रहे हैं। लोगों क कहना है, इससे 150 वर्ष पुरानी कांग्रेस पर आने वाले चुनाव में नकारात्मक असर दिखाई देगा ।

लोकसभा चुनाव : भाजपा से टिकट कटने के बाद सपा या कांग्रेस में जाएंगे वरुण गांधी ?

वरुण गांधी कोविड-19 के संकट,  तीन कृषि कानूनों, खीरी में थार से किसानों को कुचले जाने, बेरोजगारी और अग्निवीर जैसे तमाम मुद्दों पर मुखर होकर सवाल उठाते रहे हैं। 

जेएनयू में फिर लहराया वामपंथ का परचम, एबीवीपी को मुंह की खानी पड़ी

जेएनयू में वर्ष 2024 के छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी को हार का मुंह देखना पड़ा। 3 पदों पर वाम संगठनों ने कब्जा किया और एक पद पर बाफ्सा ने। इस नतीजे से एक बात साफ होती है कि छात्र, संघी मानसिकता को विश्वविद्यालय से हटाकर एक अच्छा माहौल बनाए रखना चाहते हैं।

लोकसभा चुनाव : वाराणसी में इस बार ‘स्थानीय बनाम बाहरी’ के मुद्दे पर लड़ेंगे चुनाव, बोले अजय राय

वाराणसी संसदीय क्षेत्र में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अजय राय आमने-सामने हैं। मोदी से लगातार दो बार परास्त होने के बाद अजय राय इस बार जिन मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं, क्या ये मुद्दे उन्हें संसद तक पहुंचा पाएंगे?

लोकसभा 2024 : बिहार में जदयू ने 16 उम्मीदवारों की सूची की जारी, दो सांसदों का टिकट कटा

लोकसभा चुनाव 2024 की अधिसूचना जारी होने के बाद, सभी राजनैतिक दल अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर रहे हैं, इसी क्रम में आज बिहार में जनता दल(यूनाइटेड) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने 16 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है।

लोकसभा चुनाव : क्या कांग्रेस की सवारी कर पप्पू यादव बिहार में मोदी-नीतीश के डबल इंजन को रोक पाएंगे?

बिहार की चर्चित मधेपुरा सीट से 2014 में आरजेडी के सिम्बल पर पप्पू यादव ने जीत दर्ज की लेकिन क्या 2024 में पूर्णिया लोकसभा सीट पर पप्पू यादव मोदी-नीतीश के डबल इंजन को रोक पाएंगे?

Gender Pay Gap: पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को कम वेतन, आधी आबादी आज भी असमानता की शिकार : रिपोर्ट

लैंगिक वेतन अंतर असमानता : 90 फीसदी से ज्यादा यानि 310 करोड़ महिलाएं ऐसे देशों में रह रही हैं जहां उन्हें अभी भी पुरुषों से कमतर आँका जाता है। इन देशों की सूची में भारत भी शामिल है।

रासायनिक खेती का सच : कारपोरेट खेती और जहरीले खाद्यान से कैसे मिलेगी निजात?

क्या वास्तविक रुप में दोबारा रासायनिक खेती छोड़ कर पारम्परिक खेती की ओर लौटा जा सकता है? यदि हाँ तो उसकी क्या रणनीति है?

पश्चिम बंगाल : केंद्र और राज्य सरकार के टकराव में मनरेगा मजदूरों की फजीहत

केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल को मनरेगा का बजट नहीं दिये जाने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाराजगी जाहिर करते हुए 21 लाख मनरेगा मजदूरों को भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू कर दे है।

छत्तीसगढ़ में नहीं बिक पाया तीस लाख टन धान, ढेरों मंडियों में पड़ा है खुले आसमान के नीचे, खरीदी करने की मांग

राज्य में 26.85 लाख धान उत्पादक किसानों ने 33.51 लाख हेक्टेयर रकबे का पंजीयन कराया था, लेकिन सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 24.72 लाख किसान ही 27.92 लाख हेक्टेयर रकबे का धान बेच पाए हैं। फरवरी के अतिरिक्त चार दिनों में 19000 किसानों ने 2.69 लाख टन धान बेचा है। इस प्रकार, 2.13 लाख किसानों का 5.59 लाख हेक्टेयर रकबे में उत्पादित धान अनबिका है।

किसानों की आय दोगुना करने के दावे के बावजूद अंतरिम बजट से किसान ही गायब

सरकार द्वारा चुनाव से 2 महीने पहले प्रस्तुत अंतरिम...

जम्मू के पुंछ जिले के गांवों में डिजिटल कौशल से सशक्त बनती किशोरियां

ग्रामीण भारत की किशोरियां शिक्षा के क्षेत्र में मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए, डिजिटल माध्यमों का सहारा लेकर अपने सपनों को पूरा कर रही हैं।

जेएनयू चुनाव : मैदान में उतरेंगे ये चेहरे, वामपंथी एकता की होगी जीत?

जेएनयूएसयू चुनावों के लिए नामांकन को अंतिम रूप दे दिया गया है। क्या भाजपा की छात्र इकाई एबीवीपी को वामपंथी संगठन इस बार भी रोकने में कामयाब हो पायेंगे?

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही रोजगार के लिए अवसर प्रदान करता है 

लोहार गाँव में मात्र दस प्रतिशत युवा ही कॉलेज तक पहुँच पाते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अधिकतर युवा 10वीं या बारहवीं के बाद पढ़ाई छोड़कर परिवार के साथ रोजगार की तलाश में पलायन करने लगते हैं। घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए लड़के स्कूली जीवन में ही बाहर जाकर कमाने का दृढ़ निश्चय कर लेते हैं। ऐसे में उनमें उच्च शिक्षा के प्रति लगाव की उम्मीद करना बेमानी होता है। 

बिहार : शिक्षित समाज के लिए समान भागीदारी आवश्यक है

देश के साथ ही बिहार में शिक्षा का स्तर यदि बढ़ाना है तो इसमें सभी वर्गों के लोगों को समान अवसर देना होगा, तभी एक स्वस्थ समाज का विकास होगा और समाज आगे बढ़ेगा।

राजस्थान : प्रवासी मजदूरों के बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार कानून हाथी का दांत साबित होता हुआ

राजस्थान में आज भी बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के बच्चे शिक्षा स्वास्थ्य जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से दूर हैं। राज्य में शिक्षा का अधिकार कानून उनके नजरिए से हाथी का दांत साबित होता प्रतीत हो रहा है ।

महिलाएं मासिक धर्म के समय सैनिटरी पैड के उपयोग में सतर्कता रखें

माहवारी कोई बीमारी नहीं है यह तो प्राकृतिक प्रक्रिया है । इस समय उपयोग में आने पैड,कॉटन या सैनिटरी का उपयोग सावधानी से करें जो हर स्थिति में सुरक्षित हों।

कैंसर से बचने के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण जरूरी

विशेषज्ञों का यह मानना है कि कैंसर के सभी रूपों का इलाज संभव है। लेकिन इसके लिए लोगों को स्वयं जागरूक होने की जरूरत है। उन्हें अपने शरीर में होने वाले किसी भी बदलाव को नज़रंदाज़ नहीं करनी चाहिए। समय-समय पर चेकअप इस बीमारी को गंभीर होने से पहले समाप्त कर सकता है। वहीं व्यायाम, पौष्टिक भोजन और तंबाकू उत्पादों के सेवन से परहेज इसके खतरे को कम करने में मददगार साबित होता है।

राजस्थान : लूणकरणसर गांव के लिए क्या अस्पताल ज़रूरी नहीं?

आगामी 01 फ़रवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25...

क्या होली का त्योहार स्त्री हत्या का उल्लास-पर्व है?

होली उत्तर भारत का प्रमुख त्योहार है लेकिन इस त्योहार को मनाने के पीछे जो मान्यताएं हैं, वह हत्या के बाद खुश होने की है। सवाल यह उठता है कि स्त्री को जलाए जाने की खुशी में उत्सव मनाना कहां तक उचित है?

सिस्टम के डंके ने बजते ही पोल खोलने की दी गारंटी

मोदी सरकार की गारंटी का डंका इतना बज रहा है कि लगातार उन पर परोक्ष हमले जारी हैं, चाहे किसान आंदोलन हो, एलेक्टरोल बॉन्ड पर कोर्ट का फैसला हो, चंडीगढ़ का मेयर चुनाव के फैसले पर बाजी पलटी हो, या फिर गूगल के आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस टूल जैमिनी हो, जिसने मोदी के फासीवादी होने के सवाल का जवाब दिया..सभी जगह उनकी पोल खोलते हुए डंका बज रहा है

मशहूर शायर मुनव्वर राणा के निधन से देश भर में शोक

मशहूर शायर मुनव्वर राणा का रविवार को निधन हो...

चंबल का एक फकीर कवि

सद्दीक अली बेहद ज़िंदादिल इन्सान हैं। जब तक उनके...

ये अमृत काल की अमृत संसद है प्यारे

प्राब्लम यह नहीं है कि महुआ मोइत्रा की संसद...

क्या कांग्रेस के जयचंदों के निकलने-उतरने से पार्टी की नाव भंवर से पार हो जाएगी?

कांग्रेस के प्रवक्ता मोदी को इस बात के लिए धन्यवाद दे रहे हैं कि वह कांग्रेस का कूड़ा-कचड़ा साफ कर रहे हैं। बहरहाल कांग्रेस के लोग भले ही अपने दल के प्रतिक्रियावादी नेताओं के पलायन को कूड़ा-कचड़ा मानकर संतोष कर लें, किन्तु खुद कांग्रेस समर्थक राजनीतिक विश्लेषकों में चिन्ता की लहर दौड़ गई है।

क्या भारतीय राजनीति अब भगवानों को भी जमीन पर उतार लाने में सक्षम?

यह बड़े ही दुख की बात है कि राजनीति का मूल काम लोकतंत्र  की रक्षा व जनता की समस्याओं को  मज़बूतो के साथ हल करना है किंतु हो इसका उलट रहा है। राजनीति को न लोकतंत्र की चिंता है और न जनता की चिंता, अगर कुछ चिंता  है तो वह बस सत्ता पर बने रहने की है।

बीजेपी सरकार में तार्किक सोच और वैज्ञानिक पद्धति का अभाव

कोई भी समाज वैज्ञानिक पद्धति और तार्किकता के आधार पर ही आगे बढ़ सकता है । वर्तमान बीजेपी सरकार से वैज्ञानिकों के एक समूह ने संयुक्त बयान जारी कर अनुरोध किया है कि वह वैज्ञानिक सोच और पद्धति को अपने क्रिया कलापों से कमजोर करने से बाज आए।

संदेशखाली और आमार शोनार बांगला की सच्चाइयाँ : मोदी जी की संवेदना कहाँ है

दो लाख आबादी वाले संदेशखाली की घटनाओं का राजनैतिककरण में भाजपा ने पूरा दम लगा दिया है। मोदी से लेकर केंद्रीय मंत्रियों और राज्यपाल तक ने इसका संज्ञान लिया। लेकिन आज से 22 वर्ष पहले हुए गोधरा के दंगों को भूल जाते हैं जबकि उन दिनों मोदी खुद वहाँ मुख्यमंत्री थे। दंगे में हजारों लोगों का कत्ल हुआ, घर जला दिये गए। महिलाओं के साथ गैंगरेप हुआ।

क्या क्रॉस वोटिंग के पीछे सिर्फ भाजपा के प्रति बढ़ती आस्था है या कुछ और है?

इस बार के 12 राज्यों के 56 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव का गणित क्रॉस वोटिंग के जरिए पूरी तरह बदल गया। विशेषकर उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में यह खेल हुआ। क्रॉस वोटिंग के पीछे स्व-हित के बजाय वर्गीय हित दिखाई देता है।