राकांपा सांसद और पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने इस दस्तावेज को फर्जी कहकर खारिज कर दिया। राकांपा प्रमुख प्रभावशाली मराठा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं जिसका महाराष्ट्र की कुल जनसंख्या में योगदान 30 प्रतिशत से अधिक है। पवार ने कहा कि ओबीसी समुदाय के प्रति उनके मन में पूरा सम्मान है लेकिन वह जिस जाति में पैदा हुए हैं, उसे वह छिपाना नहीं चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया मेरी जाति जानती है और मैंने जाति आधारित राजनीति नहीं की है और न करूंगा। लेकिन मैं इस समुदाय के मुद्दों के समाधान के लिए हरसंभव प्रयास करूंगा।’
मराठा समुदाय को आरक्षण देने की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आरक्षण देने का अधिकार राज्य एवं केंद्र सरकार के पास है। पवार ने कहा, ‘मराठों के लिए आरक्षण को लेकर युवा पीढ़ी में भावनाएं तीव्र हैं और इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है, लेकिन इस मामले में निर्णय लेने की शक्ति राज्य और केंद्र सरकार के पास है।’ मराठा समुदाय शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहा है। हाल में राज्य में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर आंदोलन किया गया और इस दौरान कुछ स्थानों पर विरोध-प्रदर्शन हिंसक हो गया था।
बारामती (महाराष्ट्र)(भाषा)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि वह अपनी जाति नहीं छिपाना चाहते और उन्होंने कभी जाति आधारित राजनीति नहीं की। पवार का बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल एक कथित प्रमाणपत्र में उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सदस्य के रूप में दर्शाया गया था।