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बुनियादी चुनाव सुधार पर देश में बहस होनी चाहिए और उसके नतीजों को कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए। बुनियादी चुनावी सुधार सिर्फ मौजूदा कानूनी  प्रावधानों में चंद संशोधऩों से नहीं संभव होगा

भारत के मौजूदा संकट का राजनीतिक अर्थशास्त्र

दुनिया के अनेक विकासशील और पिछड़े देशों-समाजों की तरह भारतीय समाज में भी सामाजिक विषमता, आर्थिक गैरबराबरी और गहरे सामाजिक-सांस्कृतिक…
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