केंद्र सरकार का सबको घर तक पानी पहुँचने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। ग्रामीण पानी के लिए परेशान हैं। टंकी है तो पानी नहीं, पानी है तो पाइप से सप्लाई नहीं। गर्मी के दिन आ गए पाने के अभाव में हर व्यक्ति परेशान है।
सरकार के लाख दावे के बावजूद जमीनी स्तर पर सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचारअपने चरम पर है। गाँवों में शौचालय, पेयजल, अस्पताल और प्रधानमंत्री आवासों के वितरण में घोर अनियामिततायें देखी जा रही हैं. गाजीपुर के दक्षिणी छोर पर स्थित डेढ़गाँवां गाँव में इसकी एक बानगी देखी जा सकती है। यहाँ के सार्वजनिक शौचालय में तीन साल से ताला लटक रहा है और अस्पताल परिसर में घास और गंदगी फैली हुई है। ग्रामवासियों का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टर कभी नहीं आते। डेढ़गाँवां के हालात पर यह ग्राउंड रिपोर्ट।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी प्रथम वर्ष के चार छात्र अपनी परीक्षा की कॉपियों में केवल ‘जय श्री राम’ लिखकर पास हो जाते है। यह हमारी शिक्षा व्यवस्था और सरकारी दावे की असलियत की पोल खोलती एक छोटी सी नजीर भर है।
आखिर क्यों उत्तर प्रदेश में हो रही प्रतियोगी परीक्षाएं धांधली की भेंट चढ़ रही है। लगातार प्रदर्शन और विरोध के बाद योगी ने पुलिस परीक्षा रद्द कर दुबारा कराने की कही है लेकिन क्या दुबारा होने वाली परीक्षा बिना किसी धांधली के हो जाएगी? सवाल यह है।
वाराणसी (भाषा)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी तमिल संगमम् के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण को कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एआई) का...
हाईकोर्ट ने प्रबन्ध निदेशक(उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड) समेत डीएम-सोनभद्र व सीजीएम(अनपरा तापीय परियोजना) को व्यक्तिगत हाजिर होने का दिया आदेश।
जनपद- सोनभद्र...