Friday, September 27, 2024
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ग्राउंड रिपोर्ट

मध्य प्रदेश में भाजपा नेता ने पहले मुँह पर पेशाब किया बाद में धमका कर पेशाब न करने का हलफनामा भी ले लिया

अल्पसंख्यक,आदिवासियों और दलितों को डरा-धमकाकर उनका उत्पीड़न कर वीडियो बनाकर वायरल कर आनंद लेना संघियों की मानसिकता रही है। उनकी हरकतों को देखते हुए यह लगता है कि उनमें कोई संवेदना दबे-कुचले और वंचित समुदाय के लिए हो।

मध्य प्रदेश के सीधी जिले का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में देखा जा रहा है कि एक  भाजपा नेता और विधायक प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला एक कोल जनजाति के आदिवासी के सर पर पेशाब कर रहा है। मानवीयता को शर्मसार करते इस वीडियो को लेकर विपक्ष भाजपा के आदिवासी प्रेम को लेकर सवाल उठा रहा है।

इसी माह की पहली तारीख को ही इसी मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी आदिवासी समाज के हक़ और सम्मान की बात कर रहे थे। मध्यप्रदेश में भी भाजपा की ही सरकार है और पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी आदिवासी समाज को भाजपा का वोट बैंक बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। पर भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला के इस वीडियो ने जगजाहिर कर दिया है कि भाजपा के नेता दलित आदिवासी समाज के प्रति कितनी क्रूर और शर्मनाक अवधारणा रखते हैं।

खुद को कोल आदिवासियों का हिमायती दिखाने के प्रयास में पिछले कुछ दिनों से भाजपा ने इस इलाके में कई कार्यक्रम किए हैं। ऐसे में यह वीडियो निश्चित रूप से भाजपा के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है। मुख्यमंत्री सीएम शिवराज सिंह चौहान ने यह वीडियो वायरल होने के बाद मामले को संज्ञान में लेते हुए आरोपी पर एनएसए की कार्रवाई करने के लिए कहा है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो पुराना है पर अब सोशल मीडिया पर अब वायरल हुआ है। सीएम ने कहा है कि किसी भी आरोपी को नहीं छोड़ा जाएगा।

फ़िलहाल आरोपी प्रवेश शुक्ला पर मंगलवार को कड़े सुरक्षा अधिनियम और भारतीय दण्ड संहिता धारा 294, 504 और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989 के प्रसांगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। मामला दर्ज होने के बाद इस प्रकरण में एक नया मोड़ आया है। बताया जा रहा है कि अभियुक्त ने पीड़ित आदिवासी पर दबाव बनाकर उससे यह हलफ़नामा भी ले लिया है कि उसके ऊपर प्रवेश शुक्ला द्वारा पेशाब नहीं  की गई है। यह शपथ पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

बताया जा रहा है कि यह घटना उक्त आदिवासी और स्थानीय विधायक केदार शुक्ला के प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला के बीच बकाया राशि का भुगतान ना किये जाने के विवाद को लेकर शुरू हुई थी। हालांकि विधायक ने उसे अपना प्रतिनिधि मानने से इंकार कर दिया है। तीन महीने पुराने बताये जा रहे इस वीडियो को लेकर कहा जा रहा है कि यह वीडियो शुक्ला ने खुद नशे की हालत में अपने किसी दोस्त से बनवाया था। इस वीडियो में नजर आ रहे पीड़ित का नाम पाले कोल है। जो इसी जिले के करोंदी गांव का रहने वाला है।

इस मामले में कांग्रेस पार्टी के नेता कमलनाथ ने आरोपी भाजपा नेता पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

युवा कांग्रेस के नेता विक्रांत भूरिया ने भी इस मामले पर कड़ी आपत्ति जताई है। भूरिया ने कहा कि यह शर्मनाक कृत्य आदिवासी समाज के प्रति भाजपा की मानसिकता दिखा रहा है।

उन्होंने कहा है कि वीडियो के सामने आने के बाद आदिवासी समाज की स्थिति और भाजपा नेताओं की दबंगई का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। इस मामले में विधायक केदार शुक्ला ने कहा है कि उनका आरोपी से कोई संबंध नहीं है जबकि आरोपी उनका प्रतिनिधि बताया जा रहा है और इस बारे में कई साक्ष्य भी मीडिया में दिखाई दे रहे हैं। विधायक के साथ आरोपी की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर मौजूद हैं और उसके विधायक प्रतिनिधि बनाए जाने को लेकर भी कई साक्ष्य दिए जा रहे हैं।

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पार्टी को घिरता देख कर कड़ी कार्यवाही की बात कही है।

मध्यप्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश में कोल आदिवासियों की अच्छी खासी संख्या है। इस वजह से भाजपा आदिवासी समाज को लगातार आकर्षित करने की कोशिश कर रही है जिसे इस घटना से बड़ा झटका लग सकता है।

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