उत्तराखंड : हेलंग की घटना के वास्तविक पेंच को भी समझिए

मंदोदरी देवी ने किसी भी तरह का कोई अपराध नहीं किया था क्योंकि चारागाह गाँव समाज की संपत्ति होता है। लेकिन पुलिस ने उसके घास का गट्ठर छीन लिया और जबरन उसे पुलिस की गाड़ी मे डाल दिया।  महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें  पकड़ लिया और उनकी देवरानी तथा बहू के साथ पुलिस वाहन में बिठा लिया। उनके चार वर्षीय पोते को भी उनके साथ हिरासत में लिया गया और उन सभी को गांव से लगभग 8 किलोमीटर दूर जोशीमठ ले जाया गया, जहां उन्हें बिना खाए-पिए छह घंटे तक बैठाया गया। बाद में उनके ऊपर अतिक्रमण के लिए जुर्माना लगाने के बाद छोड़ दिया गया।