शिद्दत से याद किए गए बाबू शिवदयाल चौरसिया
यह गांव पहले एक अपमानजनक नाम से पुकारा जाता था जो कि सवर्ण जातियों का सबसे प्रिय शगल था, लेकिन अब इसका नाम सम्मान से लिया जा रहा है। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक बुजुर्गवार राममगन वर्मा बहुत उत्साह से सारा इंतजाम देख रहे थे और इस बात पर प्रसन्न थे कि कार्यक्रम में दूर-दराज से लोग आए हैं।
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