स्वच्छकार समाज के पुनर्वास और उत्थान के नायक हैं धीरज वाल्मीकि

मैला ढोने की कुप्रथा पर रोक लगाने के क्रम में धीरज वाल्मीकि का ललौली गांव जाना हुआ। वहां धीरज और उनके साथियों ने मैला ढोने वाली महिलाओं की दिनचर्या की वीडियो फिल्म बनाई। उस वीडियो फिल्म को जिला प्रशासन और विद्याभूषण रावत को दे दिया गया। उस वीडियो में एक 14 साल की लड़की भी मानव मल ढोने का काम कर रही थी। इसी के आधार पर धीरज और उनके साथियों ने जिला प्रशासन पर दबाव बनाया। दिल्ली में विद्याभूषण रावत ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग, बाल आयोग सभी को कटघरे में खड़ा किया।