रचनात्मक अभिव्यक्ति और बेजोड़ प्रतिबद्धता की मिसाल थे केपी शशि

सन् 1970 का दशक भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में प्रतिरोध के आंदोलनों के उभार के लिए जाना जाता है। इस दशक में मजदूरों और कृषकों के संगठित आंदोलन तो जारी रहे ही साथ ही आदिवासियों, महिलाओं और दलितों ने भी आगे बढ़कर प्रतिरोध की राह चुनी। बड़े बांधों के कारण अपने घर-गांव छोड़ने को मजबूर कर दिए … Continue reading रचनात्मक अभिव्यक्ति और बेजोड़ प्रतिबद्धता की मिसाल थे केपी शशि