क्या देश बेचने से कुछ कदम पीछे हटी है मोदी सरकार!

2024 को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार जब विनिवेश के मुद्दे पर रणनीतिक बदलाव ला सकती है, तब विपक्ष को भी इस पर अपनी नई रणनीति अख्तियार करने का मन बनाना चाहिए। इसके तहत विपक्ष को दो संदेश देना चाहिए। पहला, सत्ता में आने पर बेची गई सरकारी परिसंपत्तियों और कंपनियों की समीक्षा कराएंगे और यदि प्रायोजन पड़ा तो हम फिर से इनका राष्ट्रीयकरण करेंगे। दूसरा, यदि सरकारी संपत्तियों और कंपनियों को बेचने की जरूरत पड़ी तो हम हिंदू-जैनियों  के बजाय उन्हें पारसी, सिख, ईसाई, मुसलमान उद्यमियों को बेचेंगे। क्योंकि इनमें परोपकार की भावना ज्यादा है इसलिए ये दुर्दिन में अपनी कमाई दौलत का इस्तेमाल जनहित में करते हैं।