देहाती इलाकों में प्रदूषण कम है लेकिन प्लास्टिक कचरा नदी के लिए खतरा बन रहा है

जल, जलवायु और पर्यावरण का एक-दूसरे से तालमेल वाला सम्बंध है। दोनों एक-दूसरे के सहयोगी और पूरक हैं। इनमें से किसी में भी बदलाव होने से दूसरे का प्रभावित होना लाज़मी है। बनारस शहर में भी पर्यावरण का बदलती स्थिति देखी जा रही है। मानूसन की शुरुआत के बावजूद बारिश का उचित स्थिति में न होना पर्यावरण की भयावहता को दर्शाता है। एक समय था जब गाँवों और गलियों में छोटे-छोटे तालाबों एवं पोखरों की भरमार थी जहाँ बारिश के पानी का ठहराव होता है, इसी से भूजल की स्थिति निरंतर बनी रहती थी।