लोकतंत्र की पुनर्स्थापना : जनता के सामने विकल्प

आज के भारत की तुलना एक दशक पहले के भारत से करने पर हैरानी होती है। लोकसभा (2014) में भाजपा के बहुमत हासिल करने से राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक परिदृश्य में प्रतिकूल परिवर्तन हुए हैं। बढ़ती महंगाई, अर्थव्यवस्था की बदहाली और जीडीपी की वृद्धि दर का न्यूनतम स्तर पर पहुंच जाना, हंगर इडेक्स में भारत … Continue reading लोकतंत्र की पुनर्स्थापना : जनता के सामने विकल्प