स्मिता पाटिल ने संजीदा सिनेमा को एक नया व्याकरण दिया था

हिंदी फिल्म जगत की आठवें और नवें दशक की अत्यंत प्रतिभाशाली अभिनेत्री स्मिता पाटील के अभिनय कला की विलक्षणताओं, आम भारतीय स्त्री की वास्तविक स्थिति और मनोदशा को रुपायित करती अविस्मरणीय भूमिकाओं, समाज के वंचित तबके, विशेष रूप से महिलाओं के प्रति उनकी गहरी संवेदना आदि को रेखांकित करता/समेटता शोधपरक आलेख पढ़ा। यह हिंदी सिनेमा का दुर्भाग्य रहा कि वे बहुत कम उम्र में इस दुनिया से विदा हो गईं अन्यथा वे और सैकड़ों फिल्मों में अपने सशक्त अभिनय से अविस्मरणीय भूमिकाओं को परदे पर साकार करतीं।