सिनेमा : पुरुषों के पेटूपन और भकोसने की आदत ने औरतों को नारकीय जीवन दिया है!

ये विडंबना है कि हर स्त्री को जीवन में दो बार घर के खान-पान और कानूनों को सीखना और समझना पड़ता है क्योंकि उसे इस कर्तव्यबोध से परिचित कराया जाता है कि हर किसी  को खुश रखना उसकी जिम्मेदारी  है। आप और हम ये समझ सकते हैं कि मायके में किसी सब्जी में लहसुन और हींग जरूरी है तो ससुराल में उस उसी सब्जी में हींग और लहसुन नहीं, बल्कि अजवाइन और जीरा डाला जाएगा। स्त्री का अपना कुछ है ही नहीं, घर के पुरुषों को जो पसंद है उसके हिसाब से खाना-नाश्ता बनेगा, कभी स्त्री की पसंद का खाना-नाश्ता घर के पुरुष नहीं करेंगे। यही है मलयालम में आई फिल्म द ग्रेट इंडियन किचन की कहानी।