यह ‘विद्रोही’ भी क्या तगड़ा कवि था

नयी खेती शीर्षक कविता संग्रह के प्रकाशित होने के पहले रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ प्राय: एक गुमनाम कवि की जिंदगी जी रहे थे। ‘विद्रोही’ के आलोचक प्रणय कृष्ण को, उनकी कविताओं को खोज निकालने और प्रकाशित करने तक कितने पापड़ बेलने पड़े थे, इसका उल्लेख उन्होंने भूमिका में किया है। कारण यह कि विद्रोही कविता करते … Continue reading यह ‘विद्रोही’ भी क्या तगड़ा कवि था