हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे…

मजदूर एक स्वतंत्र नागरिक है। उसकी सबसे बड़ी पूंजी उसका स्वस्थ शरीर, श्रमशक्ति, उसका हुनर और रोजगार की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए सदा गतिशील रहने की भावना है। कार्ल मार्क्स ने दुनिया के मजदूरों को एक होने का आह्वान इसी आधार पर किया होगा कि ‘तुम्हारे पास खोने के लिए … Continue reading हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे…