भारत में कौन है जिसकी कहानी जाति से अलग है ….
लौटनराम निषाद का आत्मकथ्य प्राथमिक शिक्षा काल में अपनी सोच बिल्कुल अबोध था। जात-पाँत क्या होता है, यह मुझे नहीं मालूम था लेकिन धीरे-धीरे समझ में आने लगा कि इसको लेकर तथाकथित निम्नवर्गीय/शूद्र वर्णीय जातियों के साथ तथाकथित उच्चवर्णीय जातियों विशेषकर ठाकुर, भूमिहार, ब्राह्मण जाति की भावना बहुत ही ओछी व दुर्भावनापूर्ण रहती थी। सवर्ण … Continue reading भारत में कौन है जिसकी कहानी जाति से अलग है ….
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