बुद्ध और अंबेडकर अवसरवादी राजनीति के लिए तोता-रटंत टूलकिट क्यों बन गए हैं?

दलित, आदिवासी या कोई भी अन्‍य किसी धर्म में धर्मांतरण करे या नास्तिक हो जाए, उसे हतोत्‍साहित करने का अधिकार राजनीति विशेष व पालतू छुटभैयों को कैसे मिल जाता है। क्‍या वे देश से अलग किसी और संविधान को मानते हैं? उन्‍हें यह अधिकार किसने दिया कि वे किसी का सिर काटने व पचास लाख का इनाम घोषित करें।