‘अडानी इज इंडिया’ के दावे पर इतना सन्नाटा क्यूँ है भाई?

भारतीय लोकतंत्र का अडानी इज इंडिया तक जा पहुंचना सिर्फ एक दिलचस्प यात्रा नहीं है, यह भारतीय राजनीति और समाज के गुणात्मक कायांतरण की गाथा है। इसकी एक क्रोनोलॉजी है। इसलिए इसे सिर्फ एक कठघरे में घिरे अभियुक्त की घबराहट में कही गयी बात तक सीमित रखकर नहीं देखा जा सकता।