मकई के दाने

मकई के दानों को बालू में डाला गया। बालू पहले से गर्म थी। अंगीठी पहले से जल रही थी। यानी जीने की स्थिति इतनी भी माकूल नहीं थी। उस में पड़ते ही एक लाल दाना उछला, ‘हाय दइया! मार डाला!’ उसकी इस प्रतिक्रिया पर दूसरे दाने हँस पड़े। उनमें से एक पीला दाना बोला,’थोड़ा सहने … Continue reading मकई के दाने