अमृत महोत्सव का जश्न और गालियों का समाजशास्त्र (डायरी 14 अगस्त, 2022)

जैसे नैतिक बातों का ईजाद सभ्यता के साथ हुआ,वैसे ही गालियाँ और अपशब्द कहने की शुरुआत भी सभ्यता के आने के साथ हुई होगी। इसका कोई लिखित इतिहास है नहीं इसीलिए इसे अनुमान से कहा जा सकता है।  मन जब खुश हो तो चहकता है,बोलता-बतियाता है,वैसे ही नाराजगी या गुस्सा आने पर अनेक लोगों के … Continue reading अमृत महोत्सव का जश्न और गालियों का समाजशास्त्र (डायरी 14 अगस्त, 2022)