अन्य पात्र के माध्यम से घटनाओं को व्यक्त करना हमेशा ही दोयम दर्जे का होगा
दूसरा हिस्सा आपकी पहली किताब कब आई? मेरी पहली पुस्तक प्रवंचना 1978 में तैयार हो गई थी जिसके प्रकाशन हेतु मैं और मेरे भाई साहब प्रयासरत थे। मैंने बहुजन साहित्य प्रकाशन सआदतगंज लखनऊ से पत्र व्यवहार द्वारा तथा व्यक्तिगत रूप से भी संपर्क किया। किन्तु उन्होंने कुछ धनराशि छपाई के लिए मांगी जिसके लिए मैं … Continue reading अन्य पात्र के माध्यम से घटनाओं को व्यक्त करना हमेशा ही दोयम दर्जे का होगा
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