बचाव के लिए रखा हथियार भी आदमी को हिंसक बनाती है ( डायरी 17 अक्टूबर, 2022)

हस्तीमल  हस्ती  का एक शेर है–बैठते जब हैं खिलौने वो बनाने के लिए, उन से बन जाते हैं हथियार ये किस्सा क्या है। यह कब पढ़ा और कहां पढ़ा, याद नहीं है। वैसे अब बहुत सारी बातें याद नहीं हैं। अनेक ऐसी यादें हैं जिन्हें भूल जाना चाहता हूं। वजह यह कि सभी यादें सकारात्मक … Continue reading बचाव के लिए रखा हथियार भी आदमी को हिंसक बनाती है ( डायरी 17 अक्टूबर, 2022)