बकरे की माँ यहाँ खैर नहीं मनाती

पहले जो लोग पचास-साठ बकरे पालते थे अब वे बीस-पचीस भी मुश्किल से पाल रहे हैं। इसका असर पूरे मार्केट पर पड़ा है। पहले बहुत बड़े पैमाने पर मुर्गियाँ पालते थे लेकिन कोरोना की वजह से इसमें भारी गिरावट आई और यह धंधा अभी तक संभल नहीं पाया है। राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश आदि में बकरी पालन कम हो रहा है क्योंकि उधर से बकरियाँ कम आ रही हैं।