अभाव और बदहाली में जीने वाले कोई पहले कलाकार नहीं हैं गोविंदराम झारा

एकताल गाँव की कहानी – एक  ग्राम एकताल और गोविंदराम झारा एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। गोविंद राम झारा, इस झारा शिल्प या जिसे ढोकरा शिल्प भी कहते हैं के शिल्प गुरु हैं। आज 66-67 वर्ष की उम्र में भी वे खुद के कच्चे घर के बरामदे में कमजोर और बीमार शरीर के … Continue reading अभाव और बदहाली में जीने वाले कोई पहले कलाकार नहीं हैं गोविंदराम झारा