न्यायपालिका में सेंध लगाकर बिछाई जाती नफरती सुरंगें!!

हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति करने वाले कॉलेजियम का दावा है कि ‘विक्टोरिया गौरी के इस तरह के कथनों के बारे में इंटेलिजेंस ब्यूरो ने उन्हें कोई जानकारी नहीं दी थी, अब नियुक्ति की प्रक्रिया इतनी आगे बढ़ चुकी है कि वे कुछ नहीं कर सकते।’ मगर मामला इतना सरल नहीं है। यह अनजाने में, धोखे से हुयी नियुक्ति नहीं है, बल्कि बाकायदा योजनाबद्ध तरीके से न्यायपालिका में सेंध लगाकर नफरती बारूद की सुरंग बिछाने का एक और उदाहरण है।