अगर रामनाथ कोविंद दलित के बजाय ब्राह्मण होते! डायरी (26 जनवरी, 2022)
जाति कभी नहीं जाती। अक्सर यह बात सुनता हूं और कभी–कभार तो मैं भी लिख देता हूं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जाति नामक यह सामाजिक बीमारी स्थायी बीमारी है और इसका कोई इलाज नहीं है। मेरा मानना है कि इस बीमारी का खात्मा भी संभव है। हालांकि यह इतना आसान नहीं है … Continue reading अगर रामनाथ कोविंद दलित के बजाय ब्राह्मण होते! डायरी (26 जनवरी, 2022)
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