‘एक देश-एक चुनाव’ का प्रस्ताव लोकतंत्र की हत्या तो नहीं?

बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने लिखा है कि ‘भारत में हर साल कोई न कोई चुनावी प्रक्रिया चलती रहती है। विभिन्न राज्यों में अलग-अलग समय पर विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव होते रहते हैं। इनमें लगने वाली आचार संहिता के चलते तकरीबन छह माह विकास कार्य ठप पड़ जाता है। पिछले दिनों … Continue reading ‘एक देश-एक चुनाव’ का प्रस्ताव लोकतंत्र की हत्या तो नहीं?