मुंबई : कूड़ा जो उड़ता और रिसता हुआ फैल रहा है साँसों और धमनियों तक

हवा और पानी के खतरे में पड़ने से हमारा श्वसन तंत्र और रक्त वाहिनियाँ भी खतरे में हैं और धीरे-धीरे इसका खामियाजा भी हम झेल रहे हैं। जो हवा और पानी है उसे कॉर्पोरेट लालच, लूट  और सांस्थानिक अनैतिकता ने इस हद तक दूषित कर दिया है कि उन्हें अपने शरीर के अनुकूल बनाते-बनाते हमारा श्वसन तंत्र और रक्त वाहिनियाँ लंबे समय तक हमें स्वस्थ रहने देने की योग्यता खो रही हैं।