मेरा कोई जीवन संघर्ष नहीं रहा है… चटनी, अचार से काम चला लिया!
शिवमूर्ति हिन्दी के सुप्रसिद्ध कथाकार से कहानीकार रविशंकर सिंह की बातचीत प्रणाम दादा ! … हां नमस्कार…और बताइए । …दादा ! आपके जीवन के कई किस्से मित्रों में प्रचलित हैं, जिसे आपने ही लोगों को सुनाया है । उसे आपने कई जगह लिखा भी है। आपने कभी बताया था कि आपका आरंभिक जीवन काफी संघर्षपूर्ण … Continue reading मेरा कोई जीवन संघर्ष नहीं रहा है… चटनी, अचार से काम चला लिया!
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