जो बाजी ओहि बाची डायरी (28 अगस्त, 2021)
कोई भी बदलाव एकवचन में नहीं होता। जब कुछ बदलता है तो उसके साथ बहुत कुछ बदल जाते हैं। ऐसा कभी नहीं होता कि केवल एक बदलाव हो। फिर बात चाहे मशीनरी की हो या फिर सियासत की। और फिर जब समाज के स्तर पर बदलाव होता है तो उसके असर भी व्यापक होते हैं। … Continue reading जो बाजी ओहि बाची डायरी (28 अगस्त, 2021)
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