संस्थानों में जातीय भेदभाव लगातार बढ़ रहा है

एक समय था, जब हमारे देश में डॉक्टर को भगवान का स्वरूप माना जाता था और डॉक्टर जाति-धर्म‌ से ऊपर होता है, परन्तु नज़दीक से देखने पर यह अवधारणा गलत-सी प्रतीत होती है। दुनिया में अनोखी जाति प्रथा, ‘उसके आधार पर हम और वे’ एवं ऊँच-नीच‌ की भावना की मौजूदगी को आज भी देखते हुए … Continue reading संस्थानों में जातीय भेदभाव लगातार बढ़ रहा है