भारत की साहसी न्यायपालिका और जोतीराव फुले का स्मरण (डायरी 28 नवंबर, 2021)
बदले हालात में न्यायपालिका ही शासन का वह तंत्र है, जिसकी साख कुछ हद तक बची है। इस वाक्य को लिखते समय मैं सावधानी बरत रहा हूं। इसकी वजह यह कि न्यायपालिका पर सवाल भी बहुत उठे हैं और इसके प्रमाणों की कमी नहीं है कि न्यायपालिका ने अपने न्याय-धर्म का पालन नहीं किया। इसके … Continue reading भारत की साहसी न्यायपालिका और जोतीराव फुले का स्मरण (डायरी 28 नवंबर, 2021)
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