ज़मीन की लूट और मुआवजे के खेल में लगे सेठ-साहूकार और अधिकारी-कर्मचारी

कहते हैं चतुर आदमी चालीस साल आगे का सोचकर निर्णय लेता है। और जिसके मुंह में मुनाफे का शहद लगा हो उससे ज्यादा चतुर कोई हो नहीं सकता। ऐसे चतुर लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। जहां भी कोई नई परियोजना शुरू होती है वहाँ इनकी निगाह सबसे पहले जाती है और परियोजना का … Continue reading ज़मीन की लूट और मुआवजे के खेल में लगे सेठ-साहूकार और अधिकारी-कर्मचारी