इक्कीसवीं शताब्दी के पुरुष में भी ओथेलो मौजूद है

बातचीत का चौथा हिस्सा जब आप कहानी लिखती हैं तो मन:स्थिति कैसी होती है। थोड़ा रचनाप्रक्रिया पर भी प्रकाश डालें?  शुरू के दो तीन सालों को छोड़कर मैंने रुटीन बनाकर नियमित लेखन नहीं किया। जो कुछ भी लिखा गया, भीतरी खलबली और बेचैनी के तहत ही लिखा गया। जितना अब तक लिखा है, लगभग उतना … Continue reading इक्कीसवीं शताब्दी के पुरुष में भी ओथेलो मौजूद है