गंगा में लाशों का मंजर और हुकूमत का सच (डायरी 17 दिसंबर, 2021)

नदियां और समंदर शायद ही किसी को प्रिय न हों। मैं तो गंगा किनारे वाला हूं तो मुझे नदी से बहुत प्यार भी है। हालांकि एक और नदी है जिसका कि कर्जदार मैं हूं और वह है पुनपुन नदी। यह बहुत छोटी सी नदी है। यह नदी मेरे गांव के दक्षिण में बहती है और … Continue reading गंगा में लाशों का मंजर और हुकूमत का सच (डायरी 17 दिसंबर, 2021)