झारा शिल्प के विकास के लिए बना वर्क शेड स्वयं अपनी बदहाली पर आँसू बहा रहा है

झारा शिल्प का इतिहास खँगालने पर पता चलता है कि इसके सूत्र भारत की महान हड़प्पा सभ्यता से जुड़ते हैं। इसकी बनावट और रूपाकार भारत की प्राचीन रूप कलाओं की तरह विविधतापूर्ण और जीवन से भरी हुई है। रोज़मर्रा के जीवन से जुड़ी हर गतिविधि और जीवन में काम आनेवाली हर चीज को इस कला में देखा जा सकता है। प्रकृति, लोक संस्कृति, आमोद-उत्सव के अनेक आयामों का चित्रण इनकी बनावट में है।