एक बुरी खबर है, अपना राजू नहीं रहा!
राजू। इसी नाम से हम उन्हें पुकारा करते थे। न राजू जी, न ही पाण्डेय जी। पता नहीं क्यों यही सम्बोधन बहुत अपना सा लगता था। शायद रायगढ़ में भी मेरे जानने और पहचनाने वाले उन्हें इसी नाम से पुकारते रहे हैं। 30 अक्टूबर को मैं, रामजी, गोकुल और संतोष शांति सद्भावना यात्रा में शामिल … Continue reading एक बुरी खबर है, अपना राजू नहीं रहा!
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed