संविधान दिवस : देश में संविधान की किताब तो है लेकिन लोग पढ़ नहीं रहे हैं

ऐसे समय में जबकि हिन्दू राष्ट्र के सपने को साकार करने के लिए चैम्पियन संविधान विरोधी मोदी भारत के संविधान की जगह मनु लॉ को स्थापित करने में सर्वशक्ति लगाते दिख रहे हैं। आंबेडकर के संविधान में आस्था रखने बुद्धिजीवियों/ एक्टिविस्टों के ऊपर संविधान के उद्देश्यों को सफल बनाने की विशेष जिम्मेवारी आन पड़ी है। यह जिम्मेवारी इसलिए और आन पड़ी है क्योंकि संविधान में गहरी आस्था जताने वाले खुद सामाजिक न्यायवादी दल तक मोदी सरकार की संविधान विरोधी साजिशों से आँखें मूंदे हुए हैं। बहरहाल संविधान समर्थक जागरूक लोग अगर संविधान के उद्देश्यों को सफल बनाना चाहते हैं तो उन्हें सबसे पहले संविधान के उद्देश्यों की पूर्ति लायक एजेंडा तय करना पड़ेगा।