अविश्वसनीय थी मां की यातना और सहनशीलता (भाग – दो )
भाग – दो हमें तो इस घटना के बारे में मालूम पड़ा गेंदी बाई से। छुट्टियों में हम जब कभी भानपुरा जाते तो मैं गेंदी बाई से कुरेद-कुरेद कर उनके बचपन के बारे में पूछती। एक बार उन्होंने बताया कि इस घर में आने के कोई तीन-चार साल बाद दादी ने उन्हें अपनी माँ के … Continue reading अविश्वसनीय थी मां की यातना और सहनशीलता (भाग – दो )
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