विमल, कंवल और उर्मिलेश (तीसरा भाग) डायरी (12 अगस्त, 2021)
संस्कृतियां आसमानी नहीं होतीं। संस्कृतियों का निर्माण किया जाता है। और फिर ऐसा भी नहीं कि संस्कृति का निर्माण कोई एक दिन में हो जाता है। इसके लिए सदियां लगती हैं। इसके लिए संघर्ष की स्थिति बनती है। एक संस्कृति को मानने वाले लोग दूसरी संस्कृति को स्वीकारने से पहले प्रतिरोध करते हैं। इस प्रतिरोध … Continue reading विमल, कंवल और उर्मिलेश (तीसरा भाग) डायरी (12 अगस्त, 2021)
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed