जो भी कन्ना-खुद्दी है उसे दे दो और नाक ऊंची रखो। लइकी हर न जोती ! (दूसरा हिस्सा)

लोगों की समस्याएं भी किसिम-किसिम की होती हैं l किसी का पेट पिरा रहा है, किसी को खोंचा पड़ गया, किसी का जी उचाट रहता है, किसी के हाथ-पांव काँपते हैं, किसी युवती को उन्माद (हिस्टीरिया) हो जाता है, किसी को गर्भ नहीं ठहरता या दो-चार महीने में ही गर्भपात हो जाता है, आदि आदि … Continue reading जो भी कन्ना-खुद्दी है उसे दे दो और नाक ऊंची रखो। लइकी हर न जोती ! (दूसरा हिस्सा)