विज्ञापन निधि में डाइवर्सिटी के बिना मुमकिन नहीं है ‘बहुजन मीडिया’ का खड़ा होना ! 

नई सदी में बहुजन बुद्धिजीवियों में बहुजन राज के बाद जिस बात की सर्वाधिक ललक दिखी वह है, बहुजन मीडिया! बात जब मीडिया की चलती है, तमाम बहुजन बुद्धिजीवी ही बहुजन मीडिया की कारुणिक स्थिति देखकर क्षोभ से फट पड़ते हैं। इसके लिए उनमें सर्वाधिक गुस्सा बहुजन नेतृत्व को लेकर दीखता है। प्रायः शत-प्रतिशत बुद्धिजीवी … Continue reading विज्ञापन निधि में डाइवर्सिटी के बिना मुमकिन नहीं है ‘बहुजन मीडिया’ का खड़ा होना !