अतुल यादव
मेरा गाँव
मेरा गाँव : 30 वर्षों के बाद गांव वापस लौटे अतुल यादव के खट्टे-मीठे अनुभव
यह कहानी लेखक अतुल यादव के गांव पांडेयपुर की है, जो 30 वर्षों बाद अपने गांव वापस लौटे हैं, अपने गांव लौटने का जिक्र उन्होंने अपने कई शुभचिंतकों, दोस्तों और गुरुजनों से किया, लेकिन किसी ने इस बारे में सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी , सभी ने कहा कि तुम्हें और आगे बढ़ना चाहिए गांव में क्या रखा है? आगे की कहानी अतुल की जुबानी...