समाज और संस्कृति

दलितों की पीड़ा का सजीव चित्रण है ‘गरीबा की तिज़ोरी’

दिल्ली। नव दलित लेखक संघ (नदलेस), दिल्ली के तत्वावधान में बंशीधर नाहरवाल के लघु उपन्यास गरीबा की तिज़ोरी पर परिचर्चा-गोष्ठी का आयोजन हुआ।…
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क्या 50 साल बाद एंग्री यंग मैन बाज़ार का खिलौना बन गया है

अमिताभ बच्चन की फिल्म जंजीर 11 मई, 1973 को रिलीज हुई थी। इस महीने इस 'घटना' को 50 साल हो गए। 'घटना' इसलिए कि इस फिल्म की अनापेक्षित सफलता की…
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इतिहास की प्रतिध्वनियों से भविष्य का संधान करता ‘महासम्राट’

विश्वास पाटील मराठी भाषा के लोकप्रिय लेखक हैं, हाल ही में राजकमल प्रकाशन से उनके दो उपन्यास दुड़िया और महासम्राट का पहला खंड झंझावात का…
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देशभक्ति की चाशनी में रची बॉलीवुड सिनेमा की महिला जासूस और राज़ी

धार्मिक आधार पर उपजे द्विराष्ट्र सिद्धांत के सनकीपन ने खूबसूरत मुल्क भारत के बाशिंदों को चंद सियासतदानों की इच्छापूर्ति के लिए दो हिस्सों मे…
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आखिरी खत राजेश खन्ना के स्टारडम का पहला पत्र था

राजेश खन्ना के फिल्मों की बात की जाती है तो सामान्य रूप से उनकी पहली फिल्म आखिरी खत का उल्लेख नहीं होता। इसके दो कारण हैं- एक तो हिंदी…
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एक तीली आग जो ताउम्र शिक्षा का दिया जलाती रही

श्रद्धांजलि- न्यायमूर्ति राम प्रसाद यादव न्यायमूर्ति राम प्रसाद यादव का देहावसान तमाम वंचित लोगों की उम्मीद का अवसान है। उनके चले जाने से…
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