Tuesday, March 19, 2024

जेएनयू चुनाव : मैदान में उतरेंगे ये चेहरे, वामपंथी एकता की होगी जीत?

जेएनयूएसयू चुनावों के लिए नामांकन को अंतिम रूप दे दिया गया है। क्या भाजपा की छात्र इकाई एबीवीपी को वामपंथी संगठन इस बार भी रोकने में कामयाब हो पायेंगे?

लोकसभा चुनाव : कांग्रेस नेता अजय कपूर के भाजपा में जाने के बाद, क्या होंगे कानपुर के समीकरण 

तीन बार कांग्रेस से विधायक चुने जाने के बाद, अजय कपूर भाजपा में शामिल हो गए हैं। सवाल यह उठता है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में कानपुर की यह सीट अब किसके खाते में गिरेगी?

लोकसभा चुनाव : भाजपा के चार सौ पार दावे की असलियत क्या है?

भाजपा अपने बल पर 2014 से सत्ता में है और तब से उसने कई बार संविधान की उद्देशिका का प्रयोग, उसमें से धर्मनिरपेक्ष व समाजवादी शब्द हटाकर किया है। अबकी लोकसभा चुनाव में भाजपा, 400 पार का नारा दे रही है। उनके सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने यह बयान दिया कि लोकसभा में 400 सीटें आने पर भारतीय संविधान में संशोधन आसानी से किया जा सकता है। क्या संविधान में संशोधन करना इतना आसान होगा? यह आने वाला समय ही बता पाएगा ।

लोकसभा चुनाव : झारखंड में आदिवासियों की सुरक्षित सीटों पर भाजपा की राह कांटे भरी क्यों है?

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी झारखंड में सभी 14 सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए जोर लगा रही है लेकिन आदिवासी सीटों पर क्या भाजपा जीत दर्ज करने में सफल हो सकती है?

ग्राउंड रिपोर्ट

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बलिया पुलिस पत्रकार की जान पर खतरा बता रही है जबकि वह समझ नहीं पा रहा है कि उसे किससे खतरा है

बलिया पुलिस और इंटेलीजेंस विभाग की सक्रियता से जिले के वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता अजीब पशोपेश में हैं कि क्या उनकी जान को सचमुच किसी से खतरा है। बलिया की जनता के हक की आवाज बने पत्रकार संतोष कुमार सिंह और उनके साथी सशंकित हैं। उनका कहना है कि मनोवैज्ञानिक रूप से दबाव बनाकर प्रशासन उनकी निगरानी कर रहा है।

बनारस की श्रुति नागवंशी को मिला महिला उद्यमी सम्मान

श्रुति नागवंशी ने समाज के ऐसे लोगों के बीच काम किया है, जिन्हें आजतक समाज की मुख्यधारा में शामिल नहीं किया गया है.। उनके बीच काम करते हुए उन्होंने लगातार सफलता प्राप्त की।

उप्र : बहराइच में रिजॉर्ट की निर्माणाधीन छत ढहने से दो श्रमिकों की मौत, नौ घायल

बहराइच-सीतापुर मार्ग पर निर्माणाधीन छत के ढहने से काम कर रहे दो श्रमिकों की मौत हो गई। घायलों का उपचार मेडिकल काॅलेज और निजी अस्पताल में चल रहा है।

सोनभद्र : सिंचाई परियोजना के लिए गांव छोड़ देनेवालों के लिए पीने का पानी हुआ मुहाल

कनहर सिचाई परियोजना के विस्थापितों को आज पीने का पानी भी ठीक से मयस्सर नहीं है। विद्यालय परिसर में खराब हैंडपंप को बनवाने में विभाग कर रहा आनाकानी।

सामाजिक न्याय पदयात्रा पहुंची ललई सिंह पेरियार के गांव कठारा

तीन दिवसीय पदयात्रा 13 मार्च से गाँव माचा से शुरू होकर आज कांशीराम जयंती पर ललई सिंह यादव के गाँव कठारा पहुंची।

राजधानी दिल्ली में दो साल से क्यों आंदोलनरत हैं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता महिलाएं पिछले दो सालों से दिल्ली की सड़कों पर संघर्षरत हैं। जिनकी मांगें आज तक नहीं सुनी गईं । लोकसभा के ठीक पहले इन्होंने जंतर-मंतर पहुँचकर आंदोलन किया। लेकिन पुलिस उन्हें डिटेन कर गाड़ी में भरकर ले गई।

वाराणसी : सड़कों के जाल से घिरे गाँवों में स्कूल और अस्पताल नहीं, फिर से ज़मीन जाने से आशंकित हैं किसान

वाराणसी से जौनपुर जाने के लिए बनी फोर लेन सड़क के किनारे पिण्डरा तहसील के आसपास के लगभग एक दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं जिनमें न तो विद्यालय हैं और न ही स्वास्थ्य केन्द्र। ऊपर से किसानों को काशी द्वार के नाम पर फिर से जमीनें जाने का भय सता रहा है।

झारखंड : शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना,’ सुगम होगी आमजन की यात्रा

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कार्यकाल में जिस 'मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना' की परिकल्पना की गयी थी,वर्तमान मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने उसकी शुरुआत कर दी। हालाँकि मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में हेमंत सोरेन को ही इसका क्रेडिट दिया।

राजस्थान : कालू गांव के लोग बेरोज़गारी के कारण पलायन को हो रहे मजबूर

राजस्थान के कालू गाँव के लोग रोजगार न मिलाने से परेशान तो हैं ही रोजगार की तलाश में वे गाँव से पलायन भी कर रहे हैं । ग्रामीणों को रोज़गार के लिए पलायन करने पर मजबूर होना पड़े तो सरकार को अपनी बनाई नीतियों की फिर से समीक्षा करने की ज़रूरत है।

जौनपुर: स्थानीय लोगों के लिए जी का जंजाल बन गया है चंदवक पुल

वाराणसी से गोरखपुर वाया आजमगढ़ जाते समय वाराणसी के बाद जौनपुर की सीमा के तकरीबन 4-5 किलोमीटर की दूर गोमती नदी पर बना हुआ सेतु नजर आ जाता है। यह स्थान जौनपुर जिले के चंदवक बाजार के समीप है। इसे चंदवक- गोमती नदी पुल के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ दो-दो समानांतर सेतु हैं। ठीक बगल में तीसरे सेतु का भी निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ दिखाई देता है।

‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति ने सौंपी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रिपोर्ट

समिति की सर्वसम्मत राय है कि एक साथ चुनाव कराया जाए। समिति एक साथ लोकसभा और राज्य के चुनाव करने के पक्ष में है। इसके बाद 100 दिनों के भीतर ही स्थानीय निकाय चुनाव की भी बात कही है। एक राष्ट्र एक चुनाव पर बनी उच्च स्तरीय समिति 2 दिसंबर 2023 को गठित की गई थी, जिसने 191 दिनों तक लगातार काम किया।

सुखबीर सिंह संधु और ज्ञानेश कुमार का नए निर्वाचन आयुक्त के नाम पर मुहर

पूर्व नौकरशाह ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधु का निर्वाचन आयुक्त के रूप में चयन किया गया। समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल थे।

चुनाव से कुछ हफ्ते पहले सीएए 2019 लागू करना असंवैधानिक : पीयूसीएल

चुनाव से ठीक पहले सीएए को लागू करना कही से भी उचित नहीं जान पड़ता। जबकि इस कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 2 सौ से अधिक याचिकांए लंबित हैं।

किसान आंदोलन : मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ 14 मार्च को रामलीला मैदान में होगी ‘महापंचायत’

प्रदर्शनकारी किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अपनी अन्य मांगों को स्वीकार करवाने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।

भारत की राष्ट्रमाता की भूमिका निभाई थी सावित्रीबाई फुले ने

एक सावित्री पुराणों में हैं, जहां उनके द्वारा अपने पति के प्राण तक वापस लाने की कहानी बचपन से ही सुनते आ रहे हैं। यह आधुनिक युग की सावित्री, जिसने स्त्री-शूद्र तथा पददलित लोगों के लिए शिक्षा की शुरुआत की, जिसने निष्ठा के साथ जो काम किया। इन्हीं सावित्री बाई फुले की आज 139वीं पुण्य तिथि है।

कर्नाटक का पूर्व मुख्यमंत्री पर यौन उत्पीड़न के आरोप, POCSO के तहत मामला दर्ज

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा पर 81 साल की आयु में नाबालिग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में पुलिस ने पॉक्सो कानून के तहत मामला दर्ज किया है।

ममता बनर्जी चोटिल, अस्पताल में भर्ती

कोलकाता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के माथे पर बृहस्पतिवार शाम चोट लग गई जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

मान्यवर कांशीराम के बहाने माचा से कठारा तक पदयात्रा, क्यों है इसकी जरूरत

कांशीराम की स्मृति में पदयात्रा का आयोजन आज से शुरू हो रहा है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में माचा से कठारा तक की पदयात्रा 13 से 15 मार्च तक होगी।

पश्चिम बंगाल : तृणमूल ने सात नए चेहरों के साथ 42 लोकसभा सीट के उम्मीदवार घोषित किए

तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के लिए राज्य की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। पार्टी ने सात सांसदों का टिकट काटते हुए कुछ नए चेहरों को मैदान में उतारा है।

हिसार से भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह ने कमल फेंक कर पंजा थामा  

एक तरफ जहां कांग्रेस के कई नेता बीजेपी का दामन थाम रहे हैं वहीं दूसरी ओर बीजेपी के हिसार से वर्तमान सांसद बृजेन्द्र सिंह का कांग्रेस का दामन थामना बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है।

वर्तमान राजनीति को समझने के लिए जरूरी है कार्ल मार्क्स को याद करना

कार्ल मार्क्स अर्थशास्त्र का अध्ययन करने के लिए समय निकालने के लिए हमेशा आतुर रहते थे। उन्होंने अपने जीवन के कुल  पैंसठ साल के जीवन में से लगभग चालीस साल से भी ज्यादा समय समाजवाद के चिंतन और उसके अनुसार आदर्श समाज की स्थापना के लिए लगा दिया।

मध्य प्रदेश : लोकसभा चुनाव से पहले ही प्रदेश में कांग्रेस संगठन में मचा घमासान

लोकसभा चुनाव नजदीक है और कांग्रेस नेता लगातार पार्टी से इस्तीफा देते हुए भाजपा में शामिल हो रहे हैं। लोगों क कहना है, इससे 150 वर्ष पुरानी कांग्रेस पर आने वाले चुनाव में नकारात्मक असर दिखाई देगा ।

क्या कांग्रेस के जयचंदों के निकलने-उतरने से पार्टी की नाव भंवर से पार हो जाएगी?

कांग्रेस के प्रवक्ता मोदी को इस बात के लिए धन्यवाद दे रहे हैं कि वह कांग्रेस का कूड़ा-कचड़ा साफ कर रहे हैं। बहरहाल कांग्रेस के लोग भले ही अपने दल के प्रतिक्रियावादी नेताओं के पलायन को कूड़ा-कचड़ा मानकर संतोष कर लें, किन्तु खुद कांग्रेस समर्थक राजनीतिक विश्लेषकों में चिन्ता की लहर दौड़ गई है।

क्या भारतीय राजनीति अब भगवानों को भी जमीन पर उतार लाने में सक्षम?

यह बड़े ही दुख की बात है कि राजनीति का मूल काम लोकतंत्र  की रक्षा व जनता की समस्याओं को  मज़बूतो के साथ हल करना है किंतु हो इसका उलट रहा है। राजनीति को न लोकतंत्र की चिंता है और न जनता की चिंता, अगर कुछ चिंता  है तो वह बस सत्ता पर बने रहने की है।

इलेक्टोराल बॉण्ड का सीरियल नम्बर का खुलासा न करने के मामले में एसबीआई को सुप्रीम कोर्ट की नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को इलेक्टोराल बॉण्ड से जुड़े यूनिक अल्फा न्यूमेरिक नंबर नहीं बताने पर कड़ी फटकार लगाते हुए नोटिस जारी किया है।

लोकसभा चुनाव : भाजपा ने दूसरी सूची जारी की, नितिन गडकरी नागपुर से चुनाव लड़ेंगे

आज भाजपा ने 72 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची निकाल दी है। इसके पहले 3 मार्च को 195 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। जल्द ही चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आचार संहिता की घोषणा कर सकता है।

हरियाणा : सीएम नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में हासिल किया विश्वास मत

नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने फ्लोर टेस्ट में बहुमत हासिल कर लिया है। हालांकि सदन में विश्वास मत को लेकर जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने अपने सभी विधायकों से सदन में अनुपस्थित रहने की बात कही गई थी।

राजनीति का काला कारोबार : इलेक्टोरल बॉन्ड, शेल कंपनियां, छापा और चुनावी चंदा

यह तथ्य है कि भाजपा के राज में विदेशों में काला धन बढ़ रहा है। सत्ता में बैठी पार्टी खुद शेल कंपनियों से चंदा ले रही है।

लोकसभा चुनाव : कांग्रेस ने 43 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के साथ दूसरी सूची जारी की

कांग्रेस ने आज लोकसभा चुनाव के लिए 43 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है।

पश्चिम बंगाल : केंद्र और राज्य सरकार के टकराव में मनरेगा मजदूरों की फजीहत

केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल को मनरेगा का बजट नहीं दिये जाने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाराजगी जाहिर करते हुए 21 लाख मनरेगा मजदूरों को भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू कर दे है।

छत्तीसगढ़ में नहीं बिक पाया तीस लाख टन धान, ढेरों मंडियों में पड़ा है खुले आसमान के नीचे, खरीदी करने की मांग

राज्य में 26.85 लाख धान उत्पादक किसानों ने 33.51 लाख हेक्टेयर रकबे का पंजीयन कराया था, लेकिन सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 24.72 लाख किसान ही 27.92 लाख हेक्टेयर रकबे का धान बेच पाए हैं। फरवरी के अतिरिक्त चार दिनों में 19000 किसानों ने 2.69 लाख टन धान बेचा है। इस प्रकार, 2.13 लाख किसानों का 5.59 लाख हेक्टेयर रकबे में उत्पादित धान अनबिका है।

किसानों की आय दोगुना करने के दावे के बावजूद अंतरिम बजट से किसान ही गायब

सरकार द्वारा चुनाव से 2 महीने पहले प्रस्तुत अंतरिम...

कांग्रेस नेताओं के साथ ही आम जनता ने अंतरिम बजट को निराशाजनक बताया

नई दिल्ली (भाषा)। कांग्रेस के कई सांसदों ने वित्त...

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही रोजगार के लिए अवसर प्रदान करता है 

लोहार गाँव में मात्र दस प्रतिशत युवा ही कॉलेज तक पहुँच पाते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अधिकतर युवा 10वीं या बारहवीं के बाद पढ़ाई छोड़कर परिवार के साथ रोजगार की तलाश में पलायन करने लगते हैं। घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए लड़के स्कूली जीवन में ही बाहर जाकर कमाने का दृढ़ निश्चय कर लेते हैं। ऐसे में उनमें उच्च शिक्षा के प्रति लगाव की उम्मीद करना बेमानी होता है। 

बिहार : शिक्षित समाज के लिए समान भागीदारी आवश्यक है

देश के साथ ही बिहार में शिक्षा का स्तर यदि बढ़ाना है तो इसमें सभी वर्गों के लोगों को समान अवसर देना होगा, तभी एक स्वस्थ समाज का विकास होगा और समाज आगे बढ़ेगा।

राजस्थान : प्रवासी मजदूरों के बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार कानून हाथी का दांत साबित होता हुआ

राजस्थान में आज भी बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के बच्चे शिक्षा स्वास्थ्य जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से दूर हैं। राज्य में शिक्षा का अधिकार कानून उनके नजरिए से हाथी का दांत साबित होता प्रतीत हो रहा है ।

जेएनयू में फिर हिंसक घटना हुई, एबीवीपी पर हमला करने का आरोप

झड़प विश्वविद्यालय के भाषा संस्थान की इमारत में बृहस्पतिवार देर रात हुई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वाम समर्थित समूहों के छात्रों ने एक-दूसरे के खिलाफ वसंत कुंज उत्तर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि कई छात्रों को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

वाराणसी : काशी विद्यापीठ में रिजल्ट में देरी से भड़के छात्रों ने प्रशासनिक भवन में जड़ा ताला

रिजल्ट घोषित होने में हो रही देरी से प्रशासनिक भवन के सामने छात्र नारेबाजी करने लगे। थोड़ी ही देर में छात्र प्रशासनिक भवन के मुख्य गेट में ताला जड़ दिए, जिससे अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई।

महिलाएं मासिक धर्म के समय सैनिटरी पैड के उपयोग में सतर्कता रखें

माहवारी कोई बीमारी नहीं है यह तो प्राकृतिक प्रक्रिया है । इस समय उपयोग में आने पैड,कॉटन या सैनिटरी का उपयोग सावधानी से करें जो हर स्थिति में सुरक्षित हों।

कैंसर से बचने के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण जरूरी

विशेषज्ञों का यह मानना है कि कैंसर के सभी रूपों का इलाज संभव है। लेकिन इसके लिए लोगों को स्वयं जागरूक होने की जरूरत है। उन्हें अपने शरीर में होने वाले किसी भी बदलाव को नज़रंदाज़ नहीं करनी चाहिए। समय-समय पर चेकअप इस बीमारी को गंभीर होने से पहले समाप्त कर सकता है। वहीं व्यायाम, पौष्टिक भोजन और तंबाकू उत्पादों के सेवन से परहेज इसके खतरे को कम करने में मददगार साबित होता है।

राजस्थान : लूणकरणसर गांव के लिए क्या अस्पताल ज़रूरी नहीं?

आगामी 01 फ़रवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25...

सिस्टम के डंके ने बजते ही पोल खोलने की दी गारंटी

मोदी सरकार की गारंटी का डंका इतना बज रहा है कि लगातार उन पर परोक्ष हमले जारी हैं, चाहे किसान आंदोलन हो, एलेक्टरोल बॉन्ड पर कोर्ट का फैसला हो, चंडीगढ़ का मेयर चुनाव के फैसले पर बाजी पलटी हो, या फिर गूगल के आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस टूल जैमिनी हो, जिसने मोदी के फासीवादी होने के सवाल का जवाब दिया..सभी जगह उनकी पोल खोलते हुए डंका बज रहा है

मशहूर शायर मुनव्वर राणा के निधन से देश भर में शोक

मशहूर शायर मुनव्वर राणा का रविवार को निधन हो...

चंबल का एक फकीर कवि

सद्दीक अली बेहद ज़िंदादिल इन्सान हैं। जब तक उनके...

ये अमृत काल की अमृत संसद है प्यारे

प्राब्लम यह नहीं है कि महुआ मोइत्रा की संसद...

बीजेपी सरकार में तार्किक सोच और वैज्ञानिक पद्धति का अभाव

कोई भी समाज वैज्ञानिक पद्धति और तार्किकता के आधार पर ही आगे बढ़ सकता है । वर्तमान बीजेपी सरकार से वैज्ञानिकों के एक समूह ने संयुक्त बयान जारी कर अनुरोध किया है कि वह वैज्ञानिक सोच और पद्धति को अपने क्रिया कलापों से कमजोर करने से बाज आए।

संदेशखाली और आमार शोनार बांगला की सच्चाइयाँ : मोदी जी की संवेदना कहाँ है

दो लाख आबादी वाले संदेशखाली की घटनाओं का राजनैतिककरण में भाजपा ने पूरा दम लगा दिया है। मोदी से लेकर केंद्रीय मंत्रियों और राज्यपाल तक ने इसका संज्ञान लिया। लेकिन आज से 22 वर्ष पहले हुए गोधरा के दंगों को भूल जाते हैं जबकि उन दिनों मोदी खुद वहाँ मुख्यमंत्री थे। दंगे में हजारों लोगों का कत्ल हुआ, घर जला दिये गए। महिलाओं के साथ गैंगरेप हुआ।

क्या क्रॉस वोटिंग के पीछे सिर्फ भाजपा के प्रति बढ़ती आस्था है या कुछ और है?

इस बार के 12 राज्यों के 56 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव का गणित क्रॉस वोटिंग के जरिए पूरी तरह बदल गया। विशेषकर उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में यह खेल हुआ। क्रॉस वोटिंग के पीछे स्व-हित के बजाय वर्गीय हित दिखाई देता है।

गुजरात दंगा : बाइस साल बाद भी गोधरा के सवाल खत्म नहीं हुये हैं

यात्रियों में 1700 कारसेवक थे, जो अयोध्या से वापस आ रहे थे। हर स्लीपर कोच की तरह एस-6  कोच की क्षमता भी 72 यात्रियों की थी लेकिन 27 फरवरी 2002 के दिन पूरा कोच खचाखच भरा हुआ था और गोधरा स्टेशन पर कोच के बाहर भी दो हजार लोग थे। गोधरा के मुसलमानों ने पूरी ट्रेन को घेरकर सिर्फ एस-6 कोच को आग लगा दी। क्यों? क्या यह प्रश्न मन में उठना जरूरी नहीं है?

राजतंत्र के शिकंजे में कसमसाता देश का लोकतंत्र

लोकतंत्र में चुनाव में जीते हुए लोग जब शासन व्यवस्था संभालते हैं, तो वे ऐसे नियम और कानूनों का प्रावधान करते हैं, जिससे कि लोगों का कल्याण हो सके। इन नियम कानूनों के लिए सरकार पूरी तरह से जनता के प्रति जवाबदेह होती है।