Tuesday, September 17, 2024
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राजनीति

इंडिया गठबंधन के शिल्पकार सीताराम येचुरी

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव तथा शीर्ष वामपंथी नेता सीताराम येचुरी का निधन हो गया। छात्र-जीवन से राजनीति में आये येचुरी आजीवन अपने विचारों और जनसरोकारों के लिए जाने जाते हैं। परमाणु उर्जा समझौते के विरोध में वामपंथियों ने यूपीए गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया था। उसमें येचुरी की मुखरता पूरी दुनिया ने देखी थी। वह इंडिया गठबंधन के प्रमुख शिल्पकार थे। उनके प्रति श्रद्धांजलि प्रकट कर रहे हैं जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक डॉ सुरेश खैरनार।

‘एक देश एक चुनाव’ का जुमला लोकतंत्र को कहाँ ले जायेगा

भाजपा लगातार लोकतान्त्रिक तरीके से काम करने वाली संस्थाओं में बदलाव करने का काम कर रही है। ऐसी संस्थाओं में अपने लोगों की नियुक्ति कर, अपने तरीके से चला रही है। 'एक देश, एक चुनाव' की अवधारणा भाजपा के शासनकाल की उपज है। यह व्यवस्था देश में अधिनायकवाद या यूँ कहें कि हिटलरशाही अथवा तानाशाही को ही जन्म देगी। इस व्यवस्था के लागू होते ही देश में चौतरफा अराजकता का माहौल पैदा होने में देर नहीं लगेगी।

भारत में बुलडोजर की राजनीति इज़राइल से आई है

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए, दो सिंतबर, सोमवार को साफ-साफ शब्दों में कहा कि 'अगर कोई व्यक्ति आरोपी है तो प्रॉपर्टी गिराने की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? जस्टिस विश्वनाथ और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा कि ‘अगर कोई व्यक्ति दोषी भी हो तब भी ऐसी कार्रवाई नहीं की जा सकती है।' जमीयत ने आरोप लगाया है कि ‘बीजेपी शासित राज्यों में मुसलमानों के ऊपर कार्रवाई की जा रही है।' जबसे उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ और मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान और अब मोहन यादव ने मुख्यमंत्री का पदभार संभाला,  उनके भीतर जैसे कोई स्पर्द्धा चल रही है कि सबसे उग्र हिंदूत्ववादी कौन है?।

एच एल दुसाध किस आधार पर राहुल गांधी को दूसरा कांशीराम बता रहे हैं

संविधान और जातिवार जनगणना को लेकर राहुल गांधी इधर काफी आक्रामक हैं, इसी के बहाने एचएल दुसाध जो बहुजन समाज के अद्वितीय लेखक हैं ने राहुल गांधी को दुसरा काशीराम बता डाला, एचएल दुसाध की एक और खूबी यह भी है कि वे जिस व्यक्ति में अपना एजेंडा देखते हैं उस पर भावावेश में तुरत-फुरत लिख डालते हैं बल्कि उन पर ‘सामाजिक न्याय की राजनीति के नए आइकॉन राहुल गांधी’, ‘सोनिया युग की कांग्रेस’ एवं ‘रियल मदर इंडिया सोनिया गांधी’ नामक किताबें भी छाप दिया है।

यौन अपराध के आरोपी सीपीएम विधायक के विरुद्ध वृंदा करात और एनी राजा द्वारा कार्यवाही की मांग

केरल के फिल्म उद्योग पर भारी संकट छाया हुआ है। वहां की महिला कलाकारों ने अपने साथ यौन दुष्कर्म की शिकायतें कीं है । इन शिकायतों में सत्यता पाई गई है परंतु किन्हीं कारणों के चलते मुख्यमंत्री ने यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की। उनका कहना था कि ऐसा नहीं करने की सलाह उन्हें समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ने स्वयं दी थी। उसके बाद 2024 के अगस्त माह में मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी। उनमें अनेक तथ्य चौंकाने वाले थे।रिपोर्ट में जिन लोगों के बारे में आरोप सत्य पाये गये उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक मुकेश भी शामिल हैं। वृंदा करात सीपीएम के पोलिट ब्यूरो की सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि हमारी पार्टी ने सारे मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट का हम स्वागत करते हैं। इस कमेटी ने केरल के फिल्म उद्योग में जो गंदगी है, उसको उजागर किया है।

इंडिया गठबंधन के शिल्पकार सीताराम येचुरी

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव तथा शीर्ष वामपंथी नेता सीताराम येचुरी का निधन हो गया। छात्र-जीवन से राजनीति में आये येचुरी आजीवन अपने विचारों और जनसरोकारों के लिए जाने जाते हैं। परमाणु उर्जा समझौते के विरोध में वामपंथियों ने यूपीए गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया था। उसमें येचुरी की मुखरता पूरी दुनिया ने देखी थी। वह इंडिया गठबंधन के प्रमुख शिल्पकार थे। उनके प्रति श्रद्धांजलि प्रकट कर रहे हैं जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक डॉ सुरेश खैरनार।

‘एक देश एक चुनाव’ का जुमला लोकतंत्र को कहाँ ले जायेगा

भाजपा लगातार लोकतान्त्रिक तरीके से काम करने वाली संस्थाओं में बदलाव करने का काम कर रही है। ऐसी संस्थाओं में अपने लोगों की नियुक्ति कर, अपने तरीके से चला रही है। 'एक देश, एक चुनाव' की अवधारणा भाजपा के शासनकाल की उपज है। यह व्यवस्था देश में अधिनायकवाद या यूँ कहें कि हिटलरशाही अथवा तानाशाही को ही जन्म देगी। इस व्यवस्था के लागू होते ही देश में चौतरफा अराजकता का माहौल पैदा होने में देर नहीं लगेगी।

भारत में बुलडोजर की राजनीति इज़राइल से आई है

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए, दो सिंतबर, सोमवार को साफ-साफ शब्दों में कहा कि 'अगर कोई व्यक्ति आरोपी है तो प्रॉपर्टी गिराने की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? जस्टिस विश्वनाथ और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा कि ‘अगर कोई व्यक्ति दोषी भी हो तब भी ऐसी कार्रवाई नहीं की जा सकती है।' जमीयत ने आरोप लगाया है कि ‘बीजेपी शासित राज्यों में मुसलमानों के ऊपर कार्रवाई की जा रही है।' जबसे उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ और मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान और अब मोहन यादव ने मुख्यमंत्री का पदभार संभाला,  उनके भीतर जैसे कोई स्पर्द्धा चल रही है कि सबसे उग्र हिंदूत्ववादी कौन है?।

एच एल दुसाध किस आधार पर राहुल गांधी को दूसरा कांशीराम बता रहे हैं

संविधान और जातिवार जनगणना को लेकर राहुल गांधी इधर काफी आक्रामक हैं, इसी के बहाने एचएल दुसाध जो बहुजन समाज के अद्वितीय लेखक हैं ने राहुल गांधी को दुसरा काशीराम बता डाला, एचएल दुसाध की एक और खूबी यह भी है कि वे जिस व्यक्ति में अपना एजेंडा देखते हैं उस पर भावावेश में तुरत-फुरत लिख डालते हैं बल्कि उन पर ‘सामाजिक न्याय की राजनीति के नए आइकॉन राहुल गांधी’, ‘सोनिया युग की कांग्रेस’ एवं ‘रियल मदर इंडिया सोनिया गांधी’ नामक किताबें भी छाप दिया है।

यौन अपराध के आरोपी सीपीएम विधायक के विरुद्ध वृंदा करात और एनी राजा द्वारा कार्यवाही की मांग

केरल के फिल्म उद्योग पर भारी संकट छाया हुआ है। वहां की महिला कलाकारों ने अपने साथ यौन दुष्कर्म की शिकायतें कीं है । इन शिकायतों में सत्यता पाई गई है परंतु किन्हीं कारणों के चलते मुख्यमंत्री ने यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की। उनका कहना था कि ऐसा नहीं करने की सलाह उन्हें समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ने स्वयं दी थी। उसके बाद 2024 के अगस्त माह में मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी। उनमें अनेक तथ्य चौंकाने वाले थे।रिपोर्ट में जिन लोगों के बारे में आरोप सत्य पाये गये उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक मुकेश भी शामिल हैं। वृंदा करात सीपीएम के पोलिट ब्यूरो की सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि हमारी पार्टी ने सारे मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट का हम स्वागत करते हैं। इस कमेटी ने केरल के फिल्म उद्योग में जो गंदगी है, उसको उजागर किया है।

भारत बंद से पुराने फॉर्म में लौटीं मायावती क्या अपनी बिखरी राजनीति को समेट पाएँगी                                              

भारत बंद की सफलता के बाद जहां अधिकांश राजनीतिक विश्लेषकों ने दलित आंदोलनकारियों के व्यवहार में आए बड़े बदलाव को देखते हुए भविष्य में धरना- प्रदर्शनों के सैलाब आने की संभावना जाहिर किया, वहीं दलित आंदोलनकारी अपनी बहन जी को पुराने रूप में लौटते देख खुशी से झूम उठे। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिस कांशीराम का नाम लेकर मायावती राजनीति करती रही हैं, लोग राहुल गांधी में अब कांशीराम की छवि देखने लगे हैं। यदि कांशीराम के रूप में राहुल गांधी की छवि स्थापित हो जाती  है, तब पहले से ही काफी हद तक अपना वोटबैंक गवां चुकी मायावती का राजनीतिक भविष्य का क्या होगा?