Saturday, July 27, 2024
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आजमगढ़ : दो वर्षों से चल रहे किसान आंदोलन की आवाज़ संसद में पहुंचाएंगे सांसद दरोगा सरोज  

उत्तर प्रदेश का हाइपर विकास हो रहा है। इस विकास के लिए किसानों को उनकी ज़मीनों से विस्थापित किया जा रहा है। किसान जो देश की अर्थव्यस्ठा को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं को सड़क पर लाने का पूरा इंतजाम सरकार कर रही है। इस वजह से देश के अनेक हिस्सों में किसानों के छोटे-बड़े आंदोलन चल रहे हैं।

देवरिया : सरकार द्वारा तीन नए आपराधिक क़ानूनों को लेकर सामाजिक मंचों ने सौंपा ज्ञापन

देवरिया के नागरिक मंच ने भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू तीन नए आपराधिक कानून को लेकर पुनर्विचार कर संशोधन की मांग के साथ यूएपीए को वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है की इस कानून से पुलिस वालों की अधिकार शक्ति बढ़ने से जनता के प्रति दुरुपयोग बढ़ेगा।

गया : कुछ गांवों में सड़क तो बनी है लेकिन वहाँ आने-जाने के साधन नहीं है 

अकसर लोगों की शिकायत होती है कि सड़क सही नहीं है, गाड़ियां आने-जाने में दिक्कत होती है लेकिन गया ज़िले का कैशापी पुरानी डिह गांव में सड़क तो बनकर तैयार हैं लेकिन उस गाँव तक पहुंचने के लिए उचित संसाधन और परिवहन नही पहुँच पा रहे हैं।

सेला दर्रा : बर्फ़ और बादलों का आनंदलोक

मगिरि के उत्तुंग शिखर पर स्थित इस मनमोहक स्थान सेला पास पर फरवरी और मार्च महीने में लगभग 7 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता है, जहां अनवरत बर्फबारी होती रहती है और ठंड से ठिठुरते हुए श्वेत-श्याम शिखर से शीतल हवाएं अठखेलियां करती रहती हैं।

फिलिस्तीन में मौत से अधिक कठिन है जिंदा रहना – इरफान इंजीनियर

दो देशों के युद्द में सबसे ज्यादा तबाह वहाँ के नागरिक होते हैं। इजरायल और फिलिस्तीन एवं रूस व उक्रेन में यह देखा जा सकता है। इजरायल फिलिस्तिनियों को पूरी तरह ज़मींदोज़ कर उनकी हस्ती मिटाना चाहता है और यह कर भी रहा है। इजरायल के लगातार हमले से फिलिस्तीनी नागरिक मर रहे हैं। अब बच्चों को भी निशाना बनाया जा रहा है। पिछले नौ महीने में 37 हजार बच्चे मारे गए। यह बहुत ही गैर जिम्मेदाराना हरकत है।

आजमगढ़ : दो वर्षों से चल रहे किसान आंदोलन की आवाज़ संसद में पहुंचाएंगे सांसद दरोगा सरोज  

उत्तर प्रदेश का हाइपर विकास हो रहा है। इस विकास के लिए किसानों को उनकी ज़मीनों से विस्थापित किया जा रहा है। किसान जो देश की अर्थव्यस्ठा को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं को सड़क पर लाने का पूरा इंतजाम सरकार कर रही है। इस वजह से देश के अनेक हिस्सों में किसानों के छोटे-बड़े आंदोलन चल रहे हैं।

देवरिया : सरकार द्वारा तीन नए आपराधिक क़ानूनों को लेकर सामाजिक मंचों ने सौंपा ज्ञापन

देवरिया के नागरिक मंच ने भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू तीन नए आपराधिक कानून को लेकर पुनर्विचार कर संशोधन की मांग के साथ यूएपीए को वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है की इस कानून से पुलिस वालों की अधिकार शक्ति बढ़ने से जनता के प्रति दुरुपयोग बढ़ेगा।

गया : कुछ गांवों में सड़क तो बनी है लेकिन वहाँ आने-जाने के साधन नहीं है 

अकसर लोगों की शिकायत होती है कि सड़क सही नहीं है, गाड़ियां आने-जाने में दिक्कत होती है लेकिन गया ज़िले का कैशापी पुरानी डिह गांव में सड़क तो बनकर तैयार हैं लेकिन उस गाँव तक पहुंचने के लिए उचित संसाधन और परिवहन नही पहुँच पा रहे हैं।

सेला दर्रा : बर्फ़ और बादलों का आनंदलोक

मगिरि के उत्तुंग शिखर पर स्थित इस मनमोहक स्थान सेला पास पर फरवरी और मार्च महीने में लगभग 7 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता है, जहां अनवरत बर्फबारी होती रहती है और ठंड से ठिठुरते हुए श्वेत-श्याम शिखर से शीतल हवाएं अठखेलियां करती रहती हैं।

फिलिस्तीन में मौत से अधिक कठिन है जिंदा रहना – इरफान इंजीनियर

दो देशों के युद्द में सबसे ज्यादा तबाह वहाँ के नागरिक होते हैं। इजरायल और फिलिस्तीन एवं रूस व उक्रेन में यह देखा जा सकता है। इजरायल फिलिस्तिनियों को पूरी तरह ज़मींदोज़ कर उनकी हस्ती मिटाना चाहता है और यह कर भी रहा है। इजरायल के लगातार हमले से फिलिस्तीनी नागरिक मर रहे हैं। अब बच्चों को भी निशाना बनाया जा रहा है। पिछले नौ महीने में 37 हजार बच्चे मारे गए। यह बहुत ही गैर जिम्मेदाराना हरकत है।

सात बहनों का एक राज्य मेघालय है झीलों और बादलों का घर

वैसे तो पूरी धरती प्राकृतिक सुंदरता से भरी हुई है लेकिन भारत में जब प्राकृतिक सुंदरता की बात आती है तो उत्तर-पूर्वी राज्यों की याद जेहन में जरूर आती है। चाहे अरुणाचल प्रदेश हो या मिज़ोरम या फिर मेघालय। यहाँ की सुंदरता  पहाड़, नदी, झील और जंगलों से है। बाकी जगहों से यहाँ पहुँचना थोड़ा मुश्किल जरूर है लेकिन जाने के बाद वापस आने का मन नहीं होता। विनय कुमार ने मेघालय यात्रा वृतांत भेजा है, पाठक पढ़ते हुए वहाँ पहुँचकर आनंद उठा सकते हैं।